गिरते शेयर बाजार ने IPO मार्केट को कर दिया ठप, SEBI से मिली मंजूरी के बावजूद… इश्यू नहीं ला रहीं 44 कंपनियां

IPO Market: गिरते शेयर मार्केट ने आईपीओ बाजार को भी अपनी चपेट में ले लिया है. कंपनियां सेबी से मंजूरी मिलने के बाद भी अपना इश्यू लेकर नहीं आ रही हैं. कई कंपनियों ने अपने आईपीओ प्लान को फिलहाल के लिए टाल दिया है. हाल में लिस्ट हुई कंपनियों के शेयर कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं.

शेयर बाजार की गिरावट ने आईपीओ मार्केट को किया प्रभावित. Image Credit: Freepik

IPO Market: शेयर मार्केट में आ रही भारी गिरावट के बीच भारतीय इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) का बाजार ठप्प पड़ गया है. निवेशकों का कमजोर सेंटीमेंट, ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में गिरावट और हाल ही में लिस्टेड शेयरों के खराब प्रदर्शन ने कंपनियों को अपने शेयरों की बिक्री के प्लान पर फिलहाल ब्रेक लगाने पर मजबूर कर दिया है. हाल ही में जिन 44 कंपनियों ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से IPO के मंजरी हासिल की थी, उनमें से ज्यादातर ने अपनी योजना को अगली तिमाही तक के लिए टाल दिया है. वहीं, कुछ ने तो वैल्यूएशन और इश्यू साइज को कम करने पर भी विचार किया है.

दो महीने में IPO से जुटाया गया कितना फंड?

प्राइमडेटाबेस डॉट कॉम के अनुसार, जनवरी में छह कंपनियों ने पब्लिक इश्यू के जरिए लगभग 4,845 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि दिसंबर में 15 कंपनियों ने 25,500 करोड़ रुपये जुटाए थे. फरवरी में तीन कंपनियों ने 10,900 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज का योगदान करीब 8,750 करोड़ रुपये रहा. मार्च में सिर्फ कुछ छोटे IPO ही आने वाले हैं, लेकिन बैंकर उनकी ओपनिंग को लेकर अनिश्चित हैं.

कमजोर प्रतिक्रिया

बैंकरों ने कहा कि कंपनियों द्वारा IPO योजनाओं को टालने की प्रमुख वजह, रिटेल और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की ओर से आने वाली कमजोर प्रतिक्रिया है. यह इस साल के दो सबसे बड़े IPO- हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज और डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर में साफ नजर आया था. ये इश्यू क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के रिजर्व हिस्से को छोड़कर कम सब्सक्राइब हुए. हाल ही में आए सभी चार IPO सिर्फ आखिरी दिन ही पूरी तरह सब्सक्राइब हो पाएय साथ ही, 2024 में लिस्टेड 91 नई कंपनियों में से 41 वर्तमान में अपने आईपीओ प्राइस से नीचे कारोबार कर रही हैं.

कंपनीसेबी से मंजूरी की तारीखइश्यू साइज (₹ करोड़)
श्लॉस बैंगलोर26 दिसंबर5,000 करोड़
एथर एनर्जी23 दिसंबर4,500 करोड़
अवांसे फाइनेंशियल23 अक्टूबर3,500 करोड़
एनएसडीएल30 सितंबर3,000 करोड़
मंजूश्री टेक्नोपैक8 नवंबर3,000 करोड़
इकॉम एक्सप्रेस29 नवंबर2,600 करोड़
एसके फाइनेंस30 अगस्त2,200 करोड़
कल्पतरु22 नवंबर1,590 करोड़
आशीर्वाद माइक्रोफाइनेंस22 अप्रैल1,500 करोड़
बेलस्टार माइक्रोफाइनेंस30 अगस्त1,300 करोड़

सेंटीमेंट हुआ कमजोर

पिछले साल अक्टूबर से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार 2.7 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली के कारण भारतीय शेयर बाजार में सेंटीमेंट कमजोर हुआ है. एक अक्टूबर से निफ्टी में करीब 13 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स में क्रमश 18 फीसदी और 22 फीसदी की गिरावट आई है.

मंजूरी के बाद भी ओपन नहीं हो सके कई IPO

सेबी की मंजूरी और IPO लॉन्च की तारीख के बीच का समय 2024 में औसतन 52 दिन था, जिसमें पांच इश्यू शामिल नहीं थे. भारत की सबसे बड़ी सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी NSDL का 3,000 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू पिछले साल 30 सितंबर को सेबी की मंजूरी मिलने के बावजूद अभी तक ओपन नहीं हो सका है.

अवांसे फाइनेंशियल सर्विसेज के 3,500 करोड़ रुपये के IPO को अक्टूबर और मंजूश्री टेक्नोपैक के 3,000 करोड़ रुपये के पब्लिक इश्यू को नवंबर में मंजूरी मिल गई थी. लेकिन अभी तक ये ओपन नहीं हुए हैं. दो अन्य प्रमुख IPO- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माता एथर एनर्जी और लीला पैलेस होटल का पब्लिक इश्यू भी ओपन नहीं हो सका है. इसके अलावा 4,500-5,000 करोड़ रुपये के साइज वाले रिसॉर्ट्स ऑपरेटर श्लॉस बैंगलोर का इश्यू भी मंजूरी मिलने के दो महीने बाद भी ओपनिंग प्रोसस शुरू नहीं कर पाया है.

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70 कंपनियों ने फाइल किए हैं पेपर

सेबी की मंजूरी प्राप्त करने वाली 44 कंपनियों के अलावा लगभग 70 ने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस दाखिल किए हैं और इसकी मंजूरी का इंतजार कर रही हैं. 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के इश्यू साइज वाले कम से कम आधा दर्जन मेगा आईपीओ दूसरी छमाही में बाजार में आ सकते हैं. इनमें टाटा कैपिटल, एचडीबी फाइनेंशियल्स, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, लेंसकार्ट और फोनपे शामिल हैं.