Temasek से जुड़ा ये Eye Care हॉस्पिटल ला रहा है 3,027 करोड़ का IPO, प्राइस बैंड तय
आई केयर इंडस्ट्री का मशहूर हॉस्पिटल ब्रांड डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर अपना आईपीओ लाने वाला है, यह 29 जनवरी को खुलेगा. इसके लिए कंपनी ने प्राइस बैंड भी तय कर दिया है, ताे कितना है इश्यू साइज, कौन है प्रमोटर्स जानें पूरी डिटेल.
Dr Agarwal’s Health Care IPO: आई केयर इंडस्ट्री का मशहूर हॉस्पिटल ब्रांड डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर अपना आईपीओ लाने वाला है. ये 3,027 करोड़ रुपये का होगा. यह IPO 29 जनवरी को खुलेगा. इसमें 300 करोड़ रुपये का नया इश्यू और 67,842,284 शेयर की बिक्री यानी OFS शामिल है, जो 2,727.26 करोड़ रुपये का होगा. कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड भी तय कर दिया है. यह आईपीओ 29 जनवरी को खुलेगा.
कितना है प्राइस बैंड?
Dr Agarwal’s Health Care IPO के लिए प्राइस बैंड 382-402 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. नए इश्यू से जुटाई जाने वाली 195 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी कर्ज के भुगतान के लिए करेगी और बाकी सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों आदि के लिए किया जाएगा.
कौन बेचेंगे शेयर?
इस आईपीओ के ऑफर फॉर सेल (OFS) में प्रमोटर्स, बाहरी निवेशक और अन्य शेयरधारक शामिल होंगे. इसमें TPG और सिंगापुर की सॉवरेन वेल्थ फंड Temasek 6.95 करोड़ शेयर बेचेंगे. डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर में प्रमोटर्स की 38%, TPG की 33.75% और Temasek की 28.18% हिस्सेदारी है.
इससे पहले भी जुटाई थी रकम
मई 2022 में, कंपनी ने TPG और Temasek से 1,050 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो देश के आईकेयर क्षेत्र में एक बड़ा फंडरेजिंग था. इससे पहले, 2019 में Temasek ने 270 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
कंपनी के बारे में डिटेल
डॉ. अग्रवाल हेल्थकेयर के आई हॉस्पिटल्स ग्रुप ने 1957 में चेन्नई से इसकी शुरुआत की थी और अब यह देश के 18 राज्यों में 117 शहरों में उपलब्ध है, इसकी 193 शाखाएं भारत में और अफ्रीका के 9 देशों में इसकी 16 फैसिलिटी सेंटर है. इसकी सर्विसेज में मोतियाबिंद, लेजर सुधार, विट्रियोरेटिनल सर्जरी, कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन, ग्लूकोमा और स्क्विंट का इलाज शामिल है, साथ ही पीडियाट्रिक ऑफ्थल्मोलॉजी, ओकुलर ऑन्कोलॉजी, न्यूरो-ऑफ्थल्मोलॉजी जैसी सुपर-स्पेशियलिटी सर्विसेज भी देता है.
कितनी रही कमाई?
कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो, FY24 में इसका शुद्ध लाभ 8% कम होकर 95 करोड़ रुपये रहा, जबकि रेवेन्यू में 31% की वृद्धि हुई और यह 1,332 करोड़ रुपये हो गया.