Enviro Infra IPO : अलॉटमेंट के बाद क्या इशारे कर रहा GMP, कितना मिल सकता है लिस्टिंग गेन?

Enviro Infra Engineers Limited का आईपीओ 90 गुना सब्सक्रिप्शन के साथ बंद हुआ. 27 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट हुआ. आज शेयर डीमैट खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं. कल सुबह शेयरों की BSE और NSE पर लिस्टिंग होनी है. आइए जानते हैं, ताजा ग्रे मार्केट प्राइस के हिसाब से कितने लिस्टिंग गेन की उम्मीद की जा सकती है.

आईपीओ में अलॉट किए गए शेयरों की शुक्रवार को लिस्टिंग होनी है. Image Credit: Money9

Enviro Infra IPO 22 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला. 26 नवंबर तक चले सब्सक्रिप्शन के दौरान 3,015,823 आवेदन मिले. वाटर एंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स (WWTP) बनाने वाली इस कंपनी को आईपीओ के जरिये बाजार से 650.43 करोड़ रुपये जुटाने थे. आईपीओ में फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोनों रखे गए. फ्रेश इश्यू के तौर पर 3.87 करोड़ शेयर की बिक्री की गई, जिससे 572.46 करोड़ रुपये जुटाए गए. वहीं, ओएफएस के तहत 53 लाख शेयर की बिक्री से 77.97 करोड़ रुपये जुटाए गए.

650 करोड़ की मांग 58,473 करोड़ जमा हुए

कंपनी ने आईपीओ के तहत 650.43 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा. लेकिन, 89.90 गुना ओवर सब्सक्रिप्शन के तौर पर करीब 58,473 करोड़ रुपये जमा हो गए. हालांकि, कंपनी को सिर्फ 650 करोड़ रुपये ही मिलेंगे. अतिरिक्ति रकम उन निवेशकों के खातों में वापस भेज दी जाएगी, जिन्हें शेयर अलॉट नहीं हुए हैं.

किस दिशा में जा रहा जीएमपी

अलॉटमेंट के बाद शेयर का ग्रे मार्केट प्राइस (GMP) अपर प्राइस बैंड से लगातार ऊपर बना हुआ है. गुरुवार को शाम 5 बजे तक इसका जीएमपी इसके अपर प्राइस बैंड यानी इश्यू प्राइस 148 रुपये से 33.78% ऊपर यानी करीब 50 रुपये के प्रीमियम पर 198 रुपये चल रहा है. आईपीओ का ऐलान होने के बाद 18 नवंबर को इसका जीएमपी 148 रुपये के अपर प्राइस बैंड पर 11.49% के साथ 17 रुपये के प्रीमियम पर था. वहीं, 27 नवंबर को अलॉटमेंट के बाद जीएमपी 37.84% यानी 57 रुपये के प्रीमियम के साथ 204 रुपये पहुंच गया था.

कितना मिल सकता है लिस्टिंग गेन

लिस्टिंग गेन इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि ग्रे मार्केट में शेयर का भाव क्या है. ग्रे मार्केट प्राइस सिर्फ इस बात का एक संकेत होता है कि निवेशकों की इसमें कितनी रुचि है. कई बार जीएमपी बहुत कम होने के बाद भी अच्छा लिस्टिंग गेन मिल जता है. यह पूरी तरह से निवेशकों की रुचि पर निर्भर करता है.

क्या करती है कंपनी

2009 में स्थापित हुई यह कंपनी सरकारी एजेंसियों व संस्थाओं के लिए पेयजल और गंदे पानी के लिए ट्रीटमेंट प्लांट (WWTP) बनाती है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,
छत्तीसगढ़, दिल्ली और कर्नाटक में काम कर रही है.

Disclaimer: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है। मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है। मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें। निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।