महाराष्ट्र की इस कंपनी ने 600 करोड़ रुपये के IPO के लिए दाखिल किया DRHP, सेबी की मंजूरी का इंतजार

IPO के बाजार में एक कंपनी अनपी एंट्री की तैयारी में है. क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेंटर सर्विस देने वाली कंपनी ESDS Software Solutions ने सेबी के पास डीआरएचपी फाइल किया है. इश्यू के जरिये कंपनी 600 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है.

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ESDS Software Solutions IPO: IPO का मार्केट आने वाले दिनों में फिर से हरा भरा होने वाला है. पिछले कुछ दिनों से आईपीओ सेगमेंट में काफी सुस्ती छाई हुई थी. लेकिन वापस से कुछ कंपनियों ने आईपीओ की बात शुरू की है. उसी तर्ज पर क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और डेटा सेंटर सर्विस देने वाली कंपनी ESDS Software Solutions ने एक बार फिर से कैपिटल मार्केट में आने की तैयारी कर रही है. कंपनी ने 30 मार्च को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास 600 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए DRHP फाइल कर दिया है.

पहले भी की है IPO की तैयारी

DRHP के मुताबिक, जारी किया जाने वाला आईपीओ पूरी तरह से फ्रेश इश्यू होने वाला है. यानी इश्यू के जरिये जुटाए गए पैसे पूरी तरह से कंपनी के पास जाएगे. क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस का प्लेटफॉर्म देने वाली महाराष्ट्र की इस फर्म ने सितंबर 2021 में सेबी के पास DRHP दाखिल किया था. उस वक्त कंपनी ने निवेशकों और प्रमोटरों की ओर से 322 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करने और 2.15 करोड़ इक्विटी शेयरों को ऑफर फॉर सेल के जरिये बेचने की पेशकश की थी. हालांकि दिसंबर 2021 में इसने शेयर बाजार की स्थिति को देखते हुए अपने आवेदन को वापस ले लिया था.

वित्तीय स्थिति

कंपनी अपने प्री आईपीओ राउंड में प्राइवेट प्लेसमेंट या दूसरे तरीके से 120 करोड़ रुपये की इक्विटी जारी करने पर विचार कर सकती है. कंपनी अगर ऐसा करती है और उसे प्री प्लेसमेंट में निवेशक मिल गए तब आईपीओ का साइज छोटा हो सकता है. ई़एसडीएस सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन ने दावा किया है कि वह भारत में क्लाउड, मैनेज्ड सर्विसेज, डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन का पूरा स्पेक्ट्रम प्रदान करने वाली केवल दो कंपनियों में से एक है. वित्त वर्ष 2023-24 के रेवेन्यू के मामले में ये कंपनी सबसे बड़ी है.

रकम का क्या करेगी कंपनी?

आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसों में से 480.7 करोड़ रुपये इस्तेमाल क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा सेंटरों के लिए दूसरे उपकरण और बुनियादी ढांचे की खरीद और स्थापना के लिए करेगी. बचे हुए राशि को  कंपनी दूसरे कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए खर्च करेगी.