BOAT IPO: इमेजिन मार्केटिंग ने दूसरी बार फाइल किया DRHP, जानें क्यों गोपनीय रखा आवेदन?

देशी ऑडियो ब्रांड बोट की पैरेंट कंपनी इमेजिन मार्केटिंग ने आईपीओ के लिए दूसरी बार DRHP फाइल किया है. सेबी को दिए गए इस आवेदन को कंपनी ने फिलहाल गोपनीय रखा है. गोपनीय आवेदन के तहत कंपनी की डिटेल्स को सार्वजनिक नहीं किया जाता है.

बोट का आईपीओ Image Credit: money9live

वियरेबल्स ब्रांड बोट की पैरेंट कंपनी इमेजिन मार्केटिंग ने कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिये आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा पत्र दाखिल किया है. कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट कंपनी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP के विवरणों को सार्वजनिक किए जाने से रोकने की अनुमति देता है. इसके तहत कंपनी की तमाम जानकारियां IPO के आखिरी चरण तक गोपनीय बनी रहती हैं.

सोमवार को जारी एक नोटिस में इमेजिन मार्केटिंग ने कहा कि उसने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया और स्टॉक एक्सचेंज BSE व NSE को अपने इक्विटी शेयरों के प्रस्तावित IPO के लिए ICDR यानी इश्यूज ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट नियमों के तहत ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस की प्री-फाइलिंग की है. हालांकि, प्री-फाइलिंग डीआरएचपी इस बात की गारंटी नहीं देता है कि कंपनी पहली सार्वजनिक पेशकश के साथ आगे बढ़ेगी.

दूसरी बार किया आवेदन?

इमेजिन मार्केटिंग की तरफ से IPO के लिए यह दूसरा प्रयास है. इससे पहले कंपनी ने जनवरी 2022 में 2,000 करोड़ रुपये के IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे. इसमें 900 करोड़ के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 1,100 करोड़ रुपये के ऑफर फॉर सेल यानी OFS का प्रस्ताव रखा गया था. अमन गुप्ता और समीर मेहता ने यह कंपनी 2013 में स्थापित की गई. इमेजिन मार्केटिंग ऑडियो गियर और स्मार्ट वियरेबल्स से लेकर पर्सनल ग्रूमिंग प्रोडक्ट और मोबाइल एक्सेसरीज बनाती है.

कॉन्फिडेंशियल रूट का बढ़ा ट्रेंड

भारतीय कंपनियों के बीच कॉन्फिडेंशियल रूट से प्री-फाइलिंग करने का चलन बढ़ रहा है. इसी सिलसिले में इमेजिन मार्केटिंग ने प्री-फाइलिंग के लिए कॉन्फिडेंशियल रूट चुनने का फैसला किया है. इससे पहले हाल ही में टाटा समूह की वित्तीय सेवा शाखा टाटा कैपिटल और एडटेक यूनिकॉर्न फिजिक्सवाला ने भी गोपनीय फाइलिंग का रूट चुना है. 2024 में खाद्य वितरण दिग्गज स्विगी और सुपरमार्केट प्रमुख विशाल मेगा मार्ट ने गोपनीय फाइलिंग करने के बाद अपने आईपीओ सफलतापूर्वक जारी किया है.

इन कंपनियों ने पीछे खींचे कदम

इससे पहले ऑनलाइन होटल एग्रीगेटर OYO ने 2023 में गोपनीय फाइलिंग का रूट बनाया था. लेकिन, IPO की योजना को बीच में ही छोड़ दिया. इससे पहले टाटा प्ले, जिसे पहले टाटा स्काई के नाम से जाना जाता था, दिसंबर 2022 में IPO के लिए इस विकल्प का उपयोग करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी थी, और अप्रैल 2023 में सेबी का अवलोकन पत्र हासिल किया। हालांकि बाद में कंपनी ने आईपीओ की योजना को छोड़ दिया.

क्यों यह रास्ता अपना रहीं कंपनियां?

बाजार विशेषज्ञों का मानना ​​है कि कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट कंपनियों को लचीलापन देता है. इससे कंपनी पर आईपीओ लाने का दबाव कम करता है. पारंपरिक तरीके से सेबी की मंजूरी के 12 महीनों के भीतर आईपीओ लॉन्च किया जाना चाहिए. लेकिन, प्री-फाइलिंग रूट कंपनियों को सेबी की मंजूरी के 18 महीनों के भीतर आईपीओ लॉन्च करने की अनुमति देती है.

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