NSE ने एक बार फिर IPO के लिए कसी कमर, सेबी के पास लगाई अर्जी

NSE के इस फैसले से देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की सूचीबद्ध की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है, जो कई कारणों से पिछले आठ वर्षों से लटकी हुई है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज Image Credit: getty images

राजस्व के मामले में भारत की सबसे बड़ी स्टॉक एक्सचेंज NSE ने मंगलवार को सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पिछले आठ वर्षों से एक्सचेंज इसकी कोशिश कर रही थी, लेकिन कई नियामक बाधाओं के कारण इसमें देरी हो रही थी. सूत्रों की मानें तो मंगलवार को एनएसई के बोर्ड ने अपने प्रबंधन को बाजार नियामक से एनओसी प्राप्त करने और आईपीओ के दस्तावेज जमा करने के लिए सेबी से संपर्क करने की अनुमति दे दी है.

प्रबंधन ने पहले ही नियामक से संपर्क किया है. एनएसई की ओर से सेबी से यह अनुरोध दिल्ली की एक अदालत में हुई सुनवाई के बाद आया, जिसमें सेबी ने अदालत को बताया कि आईपीओ के लिए एनएसई की ओर से कोई नया अनुरोध नहीं किया गया है. सूत्रों का कहना है कि सेबी की ओर से एनओसी मिलने के बाद, एक्सचेंज मसौदा ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस तैयार करेगा और उसे सेबी के पास दाखिल करेगा. जांच के बाद, नियामक की मंजूरी मिलने के बाद, एक्सचेंज अपना आईपीओ लॉन्च करेगा.

एनएसई के इस फैसले से देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज की सूचीबद्ध की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है, जो कई कारणों से पिछले आठ वर्षों से लटकी हुई है. 2016 में एनएसई ने अपना आईपीओ लॉन्च करने के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस दाखिल किया था. लगभग उसी समय यह मामला सामने आया कि तत्कालीन एमडी रामकृष्णा और कुछ अन्य अधिकारी अवैध गतिविधियों में शामिल थे.

सेबी द्वारा चूक और अवैध कार्यों की जांच शुरू करने के बाद, 2019 में एक्सचेंज ने अपने आईपीओ दस्तावेज वापस ले लिए थे. 2022 में फिर से सेबी से संपर्क करने की कोशिश हुई, लेकिन वह अधूरी रही.मंगलवार को एनएसई की वार्षिक बैठक हुई, जिसमें अपने शेयरधारकों को नियामक के पास आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने के लिए सेबी से एनओसी के लिए सूचित किया गया. सूचीबद्ध होने के बाद, एनएसई भारत में MCX और BSE के बाद तीसरा सूचीबद्ध एक्सचेंज हो जाएगा.