IKS IPO: पहले ही दिन हुआ ओवर सब्सक्राइब्ड, GMP दे रहा ये संकेत; जानें क्या है ब्रोकरेज की राय
Inventurus Knowledge Solutions IPO के लिए प्राइस बैंड 1265 से 1329 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. यह एक मेनबोर्ड कंपनी है. पहले ही दिन कंपनी के आईपीओ को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. आइए जानते हैं एक्सपर्ट के हवाले से क्या इस आईपीओ पर दांव लगाना चाहिए या नहीं?
2006 में बनी इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस लिमिटेड (IKS Health) हेल्थ सेक्टर के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव सपोर्ट सर्विसेज देती है. कंपनी डॉक्टर्स, क्लीनिक व दूसरे हेल्थ केयर प्रॉफेशनल्स को डायग्नोस्टिक और मेडिकल डॉक्युमेंटेशन और मैनेजमेंट में मदद देती है. इसके अलावा वर्चुअल मेडिकल स्क्राइबिंग जैसी सेवाएं देती है. मोटे तौर पर कंपनी हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स को एडमिनिस्ट्रेटिव कामकाज के बोझ में मदद करती है, ताकि वे बीमार लोगों की देखभाल पर ज्यादा ध्यान दे पाएं.
IKS Health को IPO के जरिये बाजार से 2,497.92 करोड़ रुपये जुटाने हैं. यह पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) आधारित IPO है. इसमें प्रमोटर और शेयरहोल्डर्स के 1.88 करोड़ शेयर बेचे जा रहे हैं. सब्सक्रिप्शन के लिए 12 दिसंबर से 16 दिसंबर का समय है. 17 दिसंबर को शेयर अलॉट किए जाएंगे और 19 दिसंबर को मेनबोर्ड कैटेगरी में BSE और NSE में लिस्टिंग होनी है. मशहूर निवेशक रहे राकेश झुनझुनवाला की फर्म
क्या है एक्सपर्ट की राय
BAJAJ BROKING ने अपने IPO Note में IKS IPO को सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. बजाज ब्रोकिंग के मुताबिक आउटपेशेंट और इनपेशेंट केयर वैल्यू चेन में कंपनी एडमिन सर्विस के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है. मोटे तौर पर यह अपनी तरह की अकेली कंपनी है. कंपनी का कामकाज मोटे तौर पर डिजिटल है, ऐसे में ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हुए कंपनी लगातार लंबे समय तक वेल्यू क्रिएशन की क्षमता रखती है. हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के बीच कंपनी एक मजबूत ब्रांड के तौर पर स्थापित है. इसके बिजनेस का मॉडल सस्टेनेबल और स्केलेबल है.
कंपनी पर फेमा उल्लंघन का आरोप
कंपनी के बिजनेस मॉडल, फाइनेंशियल प्रोफाइल और फंडामेंटल अच्छे हैं. अगर नेगेटिव साइड पर देखें, तो कंपनी के कुछ मौजूदा और भूतपूर्व शेयरधारकों की तरफ से कंपनी की सिक्योरिटीज के जारी करने, रिपोर्टिंग रिक्वायरमेंट से जुड़े कंप्लायंस में देरी की है. इसके अलावा सिक्योरिटीज ट्रांसफर के मामले में कंपनी पर FEMA के उल्लंघन के आरोप लगे हैं. फेमा के संबंध में RBI के पास कंपनी ने एक समझौता आवेदन दायर किया है, जो फिलहाल लंबित है.
प्राइस बैंड और लॉट साइज
Inventurus Knowledge Solutions IPO के लिए प्राइस बैंड 1265 से 1329 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. रिटेल कैटेगरी में इसका लॉट साइज 11 शेयरों का है. इस तरह मिनिमम इन्वेस्टमेंट 14,619 रुपये का होगा. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड इन्वेंटुरस नॉलेज सॉल्यूशंस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं, जबकि लिंक इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू के लिए रजिस्ट्रार हैं.
कौन-कौन बेच रहा शेयर
पूरी तरह ओएफएस आधारित इस आईपीओ के तहत कंपनी के प्रमोटर और बड़े शेयरहोल्डर अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. हिस्सेदारी बेचने वालों में अश्रा फैमिली ट्रस्ट, आर्यवीर झुनझुनवाला डिस्क्रेशनरी ट्रस्ट, आर्यमन झुनझुनवाला डिस्क्रेशनरी ट्रस्ट, और निष्ठा झुनझुनवाला डिस्क्रेशनरी ट्रस्ट शामिल हैं. इनके अलावा जोसेफ बेनार्डेलो, गौतम चार, परमिंदर बोलिना, जेफरी फिलिप फ्रीमार्क, शेन हिंगिंग पेंग, बर्जिस मीनू देसाई बड़े शेयरहोल्डर हैं, जो कंंपनी में हिस्सेदारी घटा रहे हैं.
कैसा है GMP का का हाल
ग्रे मार्केट प्राइस (GMP) के लिहाज से देखा जाए, तो Inventurus Knowledge Solutions में निवेशकों की रुचि बनी हुई है. सब्सक्रिप्शन खुलने के बाद GMP में मामूली नरमी आई है. लेकिन, इसके बाद भी यह करीब 28 फीसदी बना हुआ है. इसका मतलब है कि ग्रे मार्केट में शेयर अपर प्राइस बैंड यानी 1329 रुपये पर 375 रुपये के प्रीमियम पर भी डिमांड में बना हुआ है. इस तरह गुरुवार को इसका GMP 1704 रुपये रहा.
कितना हुआ सब्सक्रिप्शन
Inventurus Knowledge Solutions IPO के लिए सब्सक्रिप्शन शुरू होने से पहले एंकर इन्वेस्टर्स से कंपनी 1,120.18 करोड़ रुपये जुटा चुकी है. एंकर इन्वेस्टर्स को 84,28,730 शेयर जारी किए गए हैं. इसके अलावा पहले दिन कुल सब्सक्रिप्शन 136 फीसदी रहा. सबसे ज्यादा 170 फीसदी सब्सक्रिप्शन रिटेल कैटेगरी में मिला है. इसके बाद 154 फीसदी सब्सक्रिप्शन क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स कैटेगरी में मिला है.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.