IPO फाइलिंग में रिकॉर्ड गिरावट! बाजार मंदी के बीच फरवरी में आंकड़े 50 फीसदी घटे
भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है, जिससे निवेशकों और कंपनियों की रणनीतियां प्रभावित हो रही हैं. फरवरी में एक चौंकाने वाली गिरावट दर्ज की गई है जिससे बाजार के भविष्य को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
IPO Filing: भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता और निवेशकों की बढ़ती सतर्कता के चलते फरवरी 2024 में आईपीओ (IPO) फाइलिंग में भारी गिरावट देखी गई. पिछले महीने सिर्फ 14 कंपनियों ने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया, जो जनवरी में दर्ज 29 फाइलिंग की तुलना में लगभग आधा है. यह गिरावट नवंबर 2024 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है.
आईपीओ फाइलिंग में इस कमी का संकेत है कि कंपनियां बाजार की मौजूदा स्थितियों को लेकर सतर्क हैं और सही समय का इंतजार कर रही हैं. फरवरी में देखी गई गिरावट दर्शाती है कि बाजार धारणा कमजोर हो रही है. कंपनियां इस समय बाजार में स्थिरता और निवेशकों के विश्वास की वापसी का इंतजार कर रही हैं ताकि वे अपने आईपीओ लॉन्च कर सकें.
राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव
पिछले कुछ महीनों से बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, खासतौर पर अक्टूबर 2024 से. जनवरी 2025 में डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को अधिक सतर्क बना दिया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में भी IPO फाइलिंग में सुस्ती बनी रह सकती है. फरवरी में दाखिल DRHP के अनुसार, इन 14 कंपनियों की कुल पूंजी जुटाने की योजना 9,695 करोड़ रुपये है जो पिछले नौ महीनों में सबसे कम है. अगर बाजार की मौजूदा स्थिति जारी रहती है, तो भविष्य में कंपनियों की फंड जुटाने की योजनाओं पर और असर पड़ सकता है.
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ब्रोकरेज स्टॉक्स में गिरावट, बाजार की ठंडक जारी
बाजार में गिरावट के चलते ब्रोकरेज स्टॉक्स में भी सोमवार को तेज गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों को डर है कि इस लगातार हो रहे सेलऑफ से ब्रोकरेज कारोबार में मंदी आ सकती है. इसके अलावा, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा डेरिवेटिव्स मार्केट के लिए प्रस्तावित नए नियमों को लेकर भी बाजार में चिंता बनी हुई है. बाजार के जानकारों का कहना है कि जब तक निवेशकों का विश्वास नहीं लौटता और बाजार में स्थिरता नहीं आती, तब तक IPO फाइलिंग में तेजी की उम्मीद कम है.