जंगल में क्या करती है ये कंपनी, जिसका GMP मचा रहा है धमाल, पैसा लगाने से पहले जान लें पूरी कुंडली
जंगल कैम्प्स इंडिया आईपीओ 10 दिसंबर से सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगा. ग्रे मार्केट में इसका जीएमपी धमाल मचा रहा है, अगर आप भी इस आईपीओ में निवेश करना चाहते हैं तो यहां देखें कंपनी से जुड़ी सारी डिटेल.
SME सेक्टर के Jungle Camps India IPO का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार है. यह 10 दिसंबर यानी मंगलवार से सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने वाला है. इस आईपीओ के जरिए कंपनी 29.42 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. वाइल्डलाइफ कंनजर्वेशन फोकस्ड सर्विस मुहैया कराने वाली इस कंपनी का मकसद मध्य प्रदेश के संजय दुबरी नेशनल पार्क में एक नया प्रोजेक्ट विकसित करना, मथुरा में एक 4 स्टार होटल बनाना और ब्रांड को मजबूत बनाना है. यह आईपीओ खुलने से पहले ही ग्रे मार्केट में धमाल मचा रहा है. ऐसे में अगर आप भी इसमें दांव लगाने की सोच रहे हैं तो कंपनी से कौन लोग जुड़े हैं, कंपनी की शुरुआत कब हुई और ये क्या काम करती है, इन सब चीजों के बारें में जान लीजिए.
कब हुई थी शुरुआत?
जंगल कैम्प्स इंडिया की शुरुआत साल 2002 में हुई थी. सबसे पहले इसने 50 एकड़ की जमीन में लॉज पेंज जंगल कैम्प की शुरुआत की थी. कंपनी का मकसद लोगों को इसके जरिए जंगल से जोड़ना था. इसके बाद साल 2018 में कान्हा जंगल कैम्प की शुरुआत की गई. पब्लिक से अच्छी प्रतिक्रियाएं मिलने से कंपनी का हौसला बढ़ा और धीरे-धीरे कई ऐसे कैम्प्स खोले गए. जिनमें 2021 में खोला गया तड़ोबा जंगल कैम्प और 2022 में खोला गया रूखंड जंगल कैम्प भी शामिल है.
क्या करती है Jungle Camps India?
Jungle Camps India वाइल्डलाइफ कंनजर्वेशन फोकस्ड सर्विस देती है. यह आपको प्रकृति से जुड़ने में मदद करने के लिए जंगलों में वन्य जीवों को देखने और वहां लग्जरी अनुभव देने के लिए काम करती है. इसके लिए खास तौर दर्शन सफारी की व्यवस्था है. यह उन यात्रियों के लिए सबसे अहम है जो सादगी में कुछ असाधारण की तलाश करते हैं. कंपनी ऐसे लोगों को भारतीय वन्यजीवों की भव्यता को करीब से देखने का अनुभव मुहैया कराती है. कंपनी की अनूठी पहल के चलते 4 बार पुरस्कार जीत चुकी है.
कौन हैं कंपनी के अहम पिलर्स?
गजेंद्र सिंह राठौर, जंगल कैम्प्स इंडिया के प्रबंध निदेशक और संस्थापक हैं. सीए रह चुके गजेंद्र सिंह की वन्यजीवों में दिलचस्पी उनके काम के समय से बढ़ी. वह भारत के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में मौजूद वन्यजीवों से प्रभावित थे. अपने इसी जुनून के चलते उन्होंने जंगल कैम्प्स की नींव रखीं. उनके अलावा अशोक कुमार मित्तल कंपनी के स्वतंत्र डायरेक्टर हैं. वहीं अजय सिंह, जंगल कैम्प्स इंडिया के डायरेक्टर एवं सीएफओ हैं. उनके अलावा कई और लोग भी इससे जुड़े हुए हैं.
कितना रहा रेवेन्यू?
डीआरएचपी के डेटा के मुताबिक जंगल कैंप्स इंडिया लिमिटेड ने 31 मार्च, 2023 को समाप्त पिछले वर्ष की तुलना में 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए रेवेन्यू में 61.01% की वृद्धि दर्ज की, जबकि पीएटी में 699.55% की वृद्धि देखी.
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GMP भर रहा उड़ान
जंगल कैम्प्स इंडिया आईपीओ का जीएमपी उड़ान भर रहा है. इंवेस्टरगेन के अनुसार इसका जीएमपी 9 दिसंबर की शाम साढ़े सात बजे तक 75 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जबकि इसका प्राइस बैंड 72 रुपये है. यह इसमें 104.17% मुनाफे का संकेत दे रहा है, लिहाजा लिस्टिंग 147 रुपये पर होने की उम्मीद है.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.