SME IPO पर SEBI की सख्ती, जानें निवेशकों को अब क्या करना होगा
SEBI ने SME IPO से जुड़े कई नियमों में तब्दीली कर दी है जिसके बाद इस कैटेगरी में आने वाली कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना आसान नहीं होगा. क्योंकि अब कंपनियों के लिए नियम काफी सख्त कर दिए गए हैं.
SEBI Changes SME IPO Rules: पिछले कुछ समय से निवेशकों ने SME IPO के जरिये खूब पैसे बनाए हैं. कई कंपनियों ने लिस्टिंग के साथ अपने निवेशकों को 90 फीसदी तक का मुनाफा दिया है. इस साल कुल 236 SME IPO ने 8600 करोड़ रुपये का इश्यू जारी किया है. इतने इश्यू के साथ ये सेगमेंट एक अहम कैटेगरी बनकर उभरा है. SME IPO के प्रति लोगों की उत्सुकता और बढ़ते रिस्क को देखते हुए सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज (SME) IPO को लेकर नियम में सख्ती कर दी है.
SME IPO के लिए सेबी ने अब मुनाफे की शर्त जोड़ दी है. सख्ती के बाद IPO लाने वाली कंपनियों के लिए पिछले तीन में से 2 वित्त वर्ष में कम से कम 1 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग मुनाफा जरूरी होगा. इसके अलावा म्यूचुअल फंड मैनेजर के लिए नए फंड ऑफर के जरिये जुटाए गए पैसे को यूज करने की टाइम लिमिट भी तय कर दी है जो कि पहले नहीं थी.
क्या हुए बदलाव?
सेबी के नए नियम के मुताबिक SME IPO में शेयरहोल्डर के OFS को कुल इश्यू साइज के 20 फीसदी पर सीमित किया जाएगा. इसके साथ ही बेचने वाले शेयरधारकों को उनकी 50 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी बेचने पर भी रोक लगा दी गई है. इससे इतर सेबी ने मर्चेंट बैंकर्स के लिए भी कई नियम सख्त कर दिए हैं. नए नियम, वैल्यूएशन सर्विसेज और दूसरे ऑपरेशन सेक्टरों में प्रतिबंध लगाए हैं. नए नियम के अनुसार, बैंकों और सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों को छोड़कर मर्चेंट बैंकर्स को अपनी एक्टिविटी को सेबी की ओर से तय किए गए अनुमतियों तक ही सीमित करना होगा.
इनसाइडर ट्रेडिंग के नियम भी बदलें
इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशन, 2015 के तहत अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसिटिव इंफॉर्मेशन (UPSI) के डेफिनेशन में भी तब्दीली को मंजूरी दे दी है. ये तमाम बदलाव बाजार में रेगुलेटरी क्लैरिटी को बढ़ाने और कंप्लायंस को व्यवस्थित करने के लिए किए गए हैं. इससे इतर सेबी के नए नियमों के मुताबिक जनरल कॉरपोरेट परपज में इश्यू से मिले पैसे का 15 फीसदी से अधिक हिस्सा इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. वहीं NIIs कैटेगरी में आवंटन लॉटरी के आधार पर ही होगा.
AI के बढ़ते इस्तेमाल पर SEBI
सेबी ने नए नियमों में AI टूल्स के इस्तेमाल को लेकर भी जिम्मेदारी तय की है. इसके लिए ब्रोकर, AMC या इन्वेस्टमेंट एडवाइजर ही जिम्मेदार होंगे. AI टूल्स का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों पर प्राइवेसी, सिक्योरिटी या डेटा इंटीग्रिटी को बनाए रखने की भी जिम्मेदारी होगी. इसके अलावा थर्ड पार्टी से AI टूल्स का इस्तेमाल लेने पर भी जिम्मेदारी यूजर की ही होगी.