अब IPO लाना हुआ और आसान, सेबी ने 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट का नियम किया खत्म
बाजार नियामक सेबी ने कंपनियों के लिए आईपीओ लाने की राह आसान कर दी है. अब कंपनियों को आईपीओ लाने के लिए अपने इश्यू साइज के 1% जितनी रकम सिक्योरिटी डिपोजिट के तौर पर स्टॉक एक्सचेंज में जमा नहीं करानी होगी.
बाजार नियामक सेबी ने बाजार से पूंजी जुटाने के लिए कंपनियों की राह को आसान बना दिया है. कंपनियों को बाजार से पैसा जुटाने के लिए आईपीओ लॉन्च करने से पहले स्टॉक एक्सचेंज के पास अनिवार्य रूप से इश्यू साइज के 1% जितनी रकम जमा करानी होती है. सेबी ने अब इस नियम को खत्म कर दिया है. यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है.
सेबी ने गुरुवार को जारी एक सर्कुलर में इसकी जानकारी दी. सेबी ने सर्कुलर में बताया कि अब तक किसी भी कंपनी को आईपीओ लाने से पहले उसके इश्यू साइज के 1% के बराबर रकम स्टॉक एक्सचेंज में जमा करनी पड़ती थी. यह रकम रिफंडेबल सिक्योरिटी के तौर पर रखी जाती थी. इश्यू पूरा होने के बाद इसे कंपनी को वापस कर दिया जाता था.
सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा कि इश्यूअर कंपनियों के लिए कारोबार को आसान बनाने के लिए इश्यू ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स रेगुलेशन, 2018 के तहत अब पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए इश्यू साइज के 1% की रकम स्टॉक एक्सचेंज में जमा करने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है.
नियम क्यों बनाया गया
सेबी ने इसी साल फरवरी में एक कंसल्टेशन पेपर जारी किया था. इसमें पब्लिक और राइट्स इश्यू के लिए 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट की अनिवार्यता को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया. सेबी ने इस नियम को खत्म करने की वजह बताते हुए कहा कि यह नियम जब लागू किया गया था, जब आईपीओ की प्रक्रिया काफी अलग थी. यह रकम एक्सचेंज के पास जमा रहती थी, ताकि कंपनी के आईपीओ से जुड़ी निवेशकों की शिकायतों को आसानी से सुलझाया जा सके.
अब क्यों नहीं रही जरूरत
हाल के दिनों में आईपीओ से जुड़ कई नियमों और व्यवस्थाओं में सुधार किया गया है. एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) , UPI भुगतान, डिमैट खाते में अनिवार्य आवंटन और भौतिक प्रमाणपत्र की जरूरत खत्म हो जाने की वजह से अब पब्लिक इश्यू के बाद आवेदन राशि की वापसी या प्रमाणपत्र न मिलने जैसी समस्याएं खत्म हो गई हैं. ऐसे में इस रकम की अब जरूरत ही नहीं पड़ती है.