NSE IPO को लेकर सेबी प्रमुख बोले- लिस्टिंग में देरी के मसले होंगे हल, जनहित सबसे ऊपर

NSE का आईपीओ अलग-अलग कारणों से 2016 से अटका हुआ है. भारतीय शेयर बाजार के नियामक SEBI प्रमुख का कहना है कि अब इस आईपीओ से जुड़े मसलों का समाधान किया जाएगा. हालांकि, सेबी के लिए जनहित सर्वोपरी है. ऐसे में कोई भी फैसला सिर्फ व्यापार को ध्यान में रखकर नहीं लिया जा सकता है.

सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे Image Credit: money9live

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे का कहना है कि वे NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के लंबे समय से प्रतीक्षित आईपीओ में आ रही देरी को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं. NSE ने पहली बार 2016 में लिस्टिंग के लिए आवेदन किया था, लेकिन कई वजहों से इसमें देरी होती रही. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने गुरुवार को एक उद्योग कार्यक्रम के दौरान कहा, “हम वाणिज्यिक हितों को आम जनता के हितों पर हावी नहीं होने देंगे. यह सुनिश्चित करना विनियामक का काम है।”

समान पहुंच जरूरी

SEBI ने NSE तक सभी सदस्यों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित न करने के मामले में NSE पर जुर्माना भी लगाया था. इससे जुड़े मुद्दों को समय पर हल नहीं करने की वजह से आईपीओ में देरी हुई. अब SEBI अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा. अप्रैल 2019 में सेबी ने सभी के लिए न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित नहीं करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर 11 अरब रुपये का जुर्माना लगाया और उसके लिस्टिंग दस्तावेज वापस कर दिए थे. पिछले साल अक्टूबर में एनएसई ने सेबी के साथ अपने एल्गोरिथम ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर तक अनुचित पहुंच से जुड़े एक अन्य मामले को निपटाने के लिए 6.43 अरब रुपये का भुगतान किया, जिससे बाद माना जा रहा था कि इसकी लिस्टिंग का रास्ता खुल गया है.

क्या बोले सेबी चीफ

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को सेबी चीफ तुहिन कांत पांडे ने कहा कि वे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की लंबे समय से प्रतीक्षित लिस्टिंग में देरी करने वाले मुद्दों को हल करने के लिए काम किया जा रहा है. इन मसलों का हल निकालने के बाद एक्सचेंज की लिस्टिंग का रास्ता साफ हो पाएगा. NSE ने पिछले वर्ष आईपीओ के लिए सेबी से NOC यानी अनापत्ति प्रमाण-पत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया. लेकिन, तकनीकी और नियामकीय अनुपालन से जुड़े मसलों के चलते अब तक NSE को सेबी से मंजूरी नहीं मिल पाई है.

हो सकती है दो साल की देरी

इससे पहले मार्च में NDTV Profit ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि NSE की लिस्टिंग अगले दो साल के लिए टल सकती है. यह रिपोर्ट उस समय आई, जब सेबी ने NSE को लिस्टिंग से पहले एक्सचेंज की आंतरिक प्रक्रियाओं, प्रशासन और इसके क्लियरिंग कॉरपोरेशन में हिस्सेदारी कम जैसी चिंताओं को जाहिर किया था.

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