बेहाल बाजार… लेकिन IPO को लेकर कम नहीं उत्साह, कतार में LG और HDFC; क्या 2024 से बड़ा होगा ये साल?

IPO Market 2025: गिरते स्टॉक मार्केट के बीच भी लगातार आईपीओ ओपन हो रहा हैं और कंपनियां मार्केट में डेब्यू कर रही हैं. आने वाले समय में मार्केट रिकवर होता है, तो आईपीओ की संख्या बढ़ सकती है. कई दिग्गज कंपनियां कतार में खड़ी हैं.

2025 भी रहेगा आईपीओ से गुलजार. Image Credit: Getty image

IPO Market 2025: अगर 2024 इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के लिए रिकॉर्ड तोड़ साल था, तो यह साल और भी बड़ा हो सकता है. पिछले साल पब्लिक ऑफर से कुल 1.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे. यह साल इस आंकड़े से बड़ा हो सकता है, क्योंकि गिरते शेयर बाजार के बीच आईपीओ लाने को लेकर कंपनियों के उत्साह में कमी नजर नहीं आ रही है. भले ही सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty50) में 3 फीसदी की गिरावट आई है. इसके उलट 2024 में सेंसेक्स ने 8.2 फीसदी रिटर्न हासिल किया था, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स ने 25 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया था.

44 IPO को अब तक मिल चुकी है मंजूरी

सिक्योरिटी और एंक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने पहले ही 44 आईपीओ को मंजूरी दे दी है, जिनसे 66,095 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है. बाजार में उतरने वाली प्रमुख कंपनियों में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (13,000 करोड़ रुपये का संभावित इश्यू) और एचडीएफसी फाइनेंशियल सर्विसेज (12,500 करोड़ रुपये) शामिल हैं. श्लॉस बैंगलोर, क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज और डॉर्फ-केटल केमिकल्स इंडिया प्रत्येक 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं.

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लिस्टिंग गेन एक बड़ा आकर्षण

अनुमान है कि पेपर की सप्लाई बड़ी होगी, लेकिन मर्चेंट बैंकरों को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि नए इश्यू की मांग भी उतनी ही बड़ी है. छोटे निवेशकों के लिए लिस्टिंग गेन एक बड़ा आकर्षण है. फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार, एक मर्चेंट बैंकर का कहना है कि अप्रैल 2024 से फरवरी के मध्य तक बाजार में आए आईपीओ से औसत मुनाफा लगभग 30 फीसदी रहा है

कमजोर बाजार सेंटीमेंट के बावजूद उत्साह

फैमिली ऑफिस, अल्टरेटिव इंन्वेस्टमेंट फंड्स (AIF) और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (HNI) से लेकर खुदरा निवेशकों तक, बैंकरों को उम्मीद है कि इश्यू में पिछले साल के समान ही सब्सक्रिप्शन स्तर आकर्षित होगा. यह सेकेंडरी मार्केट में कमजोर सेंटीमेंट के बावजूद है, जो विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के जोखिम उठाने और घरेलू निवेशकों की प्रॉफिट बुकिंग के चलते प्रभावित हुआ है.

रिपोर्ट के अनुसार, बड़ी संख्या में कंपनियां आईपीओ के लिए पेपर दाखिल कर रही हैं और कुछ को सेबी से हरी झंडी मिल गई है. हलांकि, मार्केट की स्थिति को देखते हुए कुछ कंपनियां अपना आईपीओ टाल भी सकती हैं.

पिछले साल के बड़े IPOs

पिछले साल हुंडई मोटर इंडिया (27,859 करोड़ रुपये), स्विगी (11,327 करोड़ रुपये), एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी (10,000 करोड़ रुपये) और विशाल मेगा मार्ट (8,000 करोड़ रुपये) जैसी कंपनियों ने शेयर बाजार में डेब्यू किया था.

बुधवार को एक्सचेंजों पर लिस्ट हुई हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के आईपीओ को अंतिम दिन 2.66 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था, जिसमें ज्यादातर डिमांड इंस्टीट्यूशनल निवेशकों की ओर से आई. रिटेल निवेशकों लिए रिजर्व कोटा केवल 11 फीसदी ही सब्सक्राइब हुआ था.

बाजार की चाल पर भी निर्भरता

एक्सपर्ट की मानें तो अगले कुछ महीनों में सेंकेंडरी मार्केट में स्थिरता आने की उम्मीद है. प्राइमरी मार्केट लगभग सेंकेंडरी मार्केट की राह पर ही चलता है. आम तौर पर जब बाजार में तेजी होती है, तो आईपीओ को लेकर गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जबकि अस्थिर या मंदी की स्थिति में आईपीओ की संख्या कम हो जाती है.