Swiggy IPO: ग्रे मार्केट में लगातार कमजोर होते प्रदर्शन ने निवेशकों की बढ़ाई चिंता, निवेश करना कितना कारगर!

स्विगी के IPO का इंतजार काफी लंबे समय से किया जा रहा था. अब कंपनी ने आईपीओ जारी करने की तारीख की घोषणा कर दी है. लेकिन जैसे-जैसे आईपीओ की तारीख नजदीक आ रही है उसी गति से ग्रे मार्केट में कंपनी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है. जानें क्या है मामला.

ग्रे मार्केट में स्विगी आईपीओ Image Credit: @Tv9

पिछले महीने यानी अक्टूबर में देश की अब तक की सबसे बड़ी आईपीओ लॉन्च हुई थी. नाम था हुंडई मोटर्स. उसके बाद से लोगों को स्विगी के आईपीओ का इंतजार था. 6 नवंबर को स्विगी भी 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के इश्यू साइज वाला आईपीओ लॉन्च करने को तैयार है. निवेशक के पास आईपीओ में अप्लाई करने के लिए 8 नवंबर तक का समय होगा लेकिन स्विगी को लेकर ग्रे मार्केट की ओर से अच्छे संकेत नहीं आ रहे हैं.

कैसा है ग्रे मार्केट का हाल?

इन्वेस्टर्स गेन की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 नवंबर को स्विगी की स्थिति ग्रे मार्केट में बहुत अच्छी नहीं दिखी है. ग्रे मार्केट में स्विगी का आईपीओ 18 रुपये के प्रीमियम पर बिक रहा है. कंपनी के इश्यू प्राइस से यह तकरीबन 4.62 फीसदी ज्यादा है. बता दें कि लॉन्च होने के बाद 13 नवंबर को इसकी लिस्टिंग होने की उम्मीद है. वहीं प्राइस बैंड की बात करें तो वे 371 रुपये से 390 रुपये के बीच रहेगा. प्रति लॉट, निवेशकों को 38 शेयर मिलेंगे जिसकी कीमत 14,820 रुपये होगी. वहीं रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट खरीद सकते हैं.

किसके लिए है कितना?

बता दें कि कंपनी का इश्यू साइज 11,327.43 करोड़ रुपये है. जिसमें से कंपनी 4,499 करोड़ रुपये के 11.54 करोड़ फ्रेश शेयर जारी करेगी. वहीं, 6,828.43 करोड़ रुपये के 17.51 करोड़ शेयर ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) के लिए जारी करेगी. वहीं कंपनी की ओर से क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए कम से कम 75 फीसदी हिस्सा रिजर्व रहेगा.

पैसों का क्या करेगी कंपनी?

कंपनी का कहना है कि आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल मटेरियल सब्सिडियरी स्कूटसी में निवेश करना है. इससे इतर टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में भी किया जाएगा. इसके अलावा स्विगी ब्रांड मार्केटिंग और कई दूसरे कामों में भी आईपीओ से मिले पैसों का इस्तेमाल करेगी.