Swiggy IPO : फूड डिलीवरी की लड़ाई शेयर बाजार तक आई, Zomato को अब शेयर बाजार में मिलेगी चुनौती..!
स्विगी ने आईपीओ की सभी तैयारी पूरी कर ली हैं. गुरुवार को कंपनी ने बाजार नियामक सेबी के सामने आईपीओ लाने के लिए आवेदन जमा कर दिया है. सेबी को सौंपे गए दस्तावेजों के मुताबिक कंपनी 3750 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने जा रही है.
फूड डिलीवरी के सेक्टर में काम करने वाली स्विगी की राइवल कंपनी जोमैटो पहले से ही बाजार में लिस्टेड है. लोगों के घरों तक बाहर का खाना पहुंचाने की लड़ाई अब शेयर बाजार तक पहुंच गई है. यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि निवेशक स्विगी का बाजार में किस अंदाज में स्वागत करते हैं. राइवल कंपनी जोमैटो के शेयरों की लिस्टिंग अलॉटमेंट प्राइस से 50% ज्यादा प्रीमियम पर हुई थी. जोमैटो का आईपीओ कोविड महामारी के दौर में आया था. इस लिहाज से माना जा रहा है कि स्विगी के आईपीओ को निवेशकों से जबरदस्त रेस्पॉन्स मिल सकता है.
स्विगी के आईपीओ की पूरी डिलेल्स अभी सामने नहीं आई हैं. लेकिन, जोमैटो ने अपने आईपीओ के दौरान 72 से 76 रुपये के प्राइस बैंड में शेयर ऑफर किए थे. फिलहाल, जोमैटो के शेयर की कीमत 283 रुपये के आसपास है. इस लिहाज से देखा जाए, तो स्विगी इस जोमैटो वाले प्राइस बैंड में शेयर ऑफर करती है, तो इसे बंपर सब्सक्रिप्शन मिलना तय है. जोमैटो को सभी कैटेगरी में कोविड महामारी के दौर में भी 38.25 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. इसके अलावा जोमैटा को इश्यू साइज भी स्विगी से काफी बड़ा था. जोमैटा ने 9,375 करोड़ रुपये का इश्यू पेश किया था. इसमें 9 हजार करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू था और 375 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत रखे गए थे.
बहरहाल, स्विगी फूड डिलीवरी सेगमेंट में लिस्ट होने वाली दूसरी कंपनी होगी. 26 सितंबर को फंड जुटाने के लिए सेबी को दिए गए आवेदन के मुताबिक स्विगी के आईपीओ में 3,750 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे. इसके अलावा, मौजूदा शेयरधारकों की तरफ से 18.52 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल के जरिये की जाएगी. कंपनी ने जेफरीज इंडिया, एवेंडस कैपिटल, जेपी मॉर्गन इंडिया, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज को इस इश्यू के लिए बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया है.
फूड डिलीवरी और स्विगी-जोमैटो का बाजार
एक अनुमान के मुताबिक भारत का फूड डिलीवरी बाजार 2030 तक बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का हो जाएगा. देश में इस सेक्टर में फिलहाल स्विगी और जोमैटो 90 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी रखती है. अगर इन कंपनियों को बाजार मूल्य के लिहाज से आंका जाए, तो जोमैटो ने जनवरी 2022 में जब आखिरी बार फंड जुटाया था, तब उसकी कीमत 10.7 अरब डॉलर के करीब आंकी गई थी. माना जा रहा है कि स्विगी भी 10 अरब डॉलर से ज्यादा के बाजार मूल्य पर लिस्ट हो सकती है.
ये निवेशक बेचेंगे हिस्सेदारी
स्विगी में शुरुआती दौर में निवेश करने वाली कई निवेश कंपनियां अपनी हिस्सेदारी कम करेंगी. बताया जा रहा है कि एक्ससेल, कोट्यू, अल्फा वेव, एलिवेशन, नॉर्वेस्ट और टेंसेट जैसे निवेशक कंपनी से अपनी हिस्सेदारी घटाना चाहते हैं. स्विगी में फिलहाल प्रोसस की सबसे ज्यदा 32 फीसदी की हिस्सेदारी है. इसके अलावा सॉफ्टबैंक की 8 फीसदी, एक्सेल की 6 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा, डीएसटी ग्लोबल, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और जीआईसी भी इसके शेयर धारकों में शामिल हैं.