Swiggy के IPO का है इंतजार, तो जान लीजिए ये 8 जरूरी बातें, फिर लगाएं पैसा

अगर आप भी स्विगी के आईपीओ के इंतजार में हैं और निवेश के लिए उत्सुक हैं, तो आपको पहले स्विगी के आईपीओ से जुड़ी कुछ बेहद अहम बातें जान लेनी चाहिए.

भारतीय शेयर बाजार में स्विगी अपने आईपीओ के साथ दस्तक देने को तैयार है. Image Credit: Jaap Arriens/NurPhoto via Getty Images

भारत की लीडिंग फूड डिलीवरी स्टार्टअप स्विगी अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के साथ स्टॉक मार्केट में धूम मचाने के लिए तैयार है. चूंकि कंपनी क्विक कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेक्टर में अपना विस्तार कर रही है. इसलिए निवेशक यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ऑपरेशनल चुनौतियों के बीच स्विगी अपनी ग्रोथ की कहानी किस तरह से आगे बढ़ाती है. अगर आप भी स्विगी के आईपीओ के इंतजार में हैं और निवेश के लिए उत्सुक हैं, तो आपको पहले स्विगी के आईपीओ से जुड़ी कुछ बेहद अहम बातें जान लेनी चाहिए.

आईपीओ डिटेल्स

स्विगी का आईपीओ 3,750 करोड़ रुपये की वैल्यू के इक्विटी शेयरों के फ्रेश इश्यू और मौजूदा शेयरधारकों द्वारा 185,286,265 इक्विटी शेयरों का ऑफर फॉर सेल का कॉम्बिनेशन है. आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), एंकर निवेशकों और म्यूचुअल फंड के लिए सेगमेंट शामिल हैं. नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के पास भी अवसर होंगे, जिसमें एक तिहाई अलॉटमेंट 2 से 10 लाख रुपये के बीच आवेदन करने वाले बोलीदाताओं के लिए निर्धारित है. बाकी 10 लाख रुपये से अधिक के लिए आवेदन करने वालों के लिए होगा. साथ ही रिटेल लिए भी हिस्सा होगा.

एंकर इन्वेस्टर्स

स्विगी के आईपीओ में एक्सेल, प्रोसस और टेनसेंट जैसे कुछ शुरुआती निवेशक अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेंगे, जिससे महत्वपूर्ण रिटर्न मिलने की संभावना है. हालांकि, प्रमुख शेयरधारक सॉफ्टबैंक ने ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) में भाग नहीं लेने का विकल्प चुना है और अपनी हिस्सेदारी बरकरार रखेगा. हाल ही में सॉफ्टबैंक ने ओला इलेक्ट्रिक, फर्स्टक्राई और यूनीकॉमर्स के हालिया आईपीओ से मुनाफा कमाया है. एपोलेटो, कोट्यू, डीएसटी यूरो एशिया, इंस्पायर्ड एलीट इन्वेस्टमेंट और नॉरवेस्ट जैसे अन्य निवेश अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेच सकते हैं, जिससे कुछ शुरुआती निवेशकों को महत्वपूर्ण रिटर्न मिलने की संभावना है.

हिस्सेदारी बेचने वाले व्यक्तिगत शेयरधारकों में को-फाउंडर लक्ष्मी नंदन रेड्डी ओबुल, रामको सिस्टम्स के चेयरमैन पी.आर. वेंकटराम राजा, पूर्व को-फाउंडर राहुल जैमिनी, नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर समीना हामिद और को-फाउंडर श्रीहर्ष मजेटी शामिल हैं.

इनकम का इस्तेमाल कैसे होगा

स्विगी ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी स्कूटसी लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए अपने डार्क स्टोर नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 982 करोड़ रुपये (आय का लगभग 27%) आवंटित करने की योजना बनाई है. यह निवेश स्विगी इंस्टामार्ट के ग्रोथ में सपोर्ट करेगा. 30 जून तक स्विगी ने 581 डार्क स्टोर संचालित किए, जिनका साइज 1,400 वर्ग फुट से लेकर 10,000 वर्ग फुट तक था. शहरों में औसत डिलीवरी का समय 12.6 मिनट था.

इसके अतिरिक्त 929 करोड़ रुपये ब्रांडिंग और प्रचार गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे, जिसका उद्देश्य परफॉरमेंस मार्केटिंग और डिजिटल मीडिया प्रयासों को बढ़ाना है. वित्त वर्ष 24 में स्विगी ने मार्केटिंग पर 558 करोड़ रुपये खर्च किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है. बाकी की इनकम का उपयोग टेक्नोलॉजी अपग्रेड, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, संभावित अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

प्रमुख बैंकर

स्विगी ने आईपीओ के लिए दिग्गज बैंकरों की एक टीम बनाई है, जिसमें कोटक महिंद्रा कैपिटल, जे.पी. मॉर्गन इंडिया, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, बोफा सिक्योरिटीज, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड और एवेंडस कैपिटल शामिल हैं.

स्विगी की वित्तीय स्थिति

स्विगी ने वित्त वर्ष 24 में अपने घाटे को 43 फीसदी कम करके 2,350 करोड़ पर ला दिया. इसका मुख्य कारण इसकी फूड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स बिजनेस में मजबूत ग्रोथ है. पिछले 18 महीनों में कंपनी ने ऑपरेशन को व्यवस्थित करने और मार्जिन में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया है.

पिछले वित्त वर्ष में ऑपरेशनल रेवेन्यू 36 फीसदी बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 25 की जून तिमाही में स्विगी का रेवेन्यू पिछले वर्ष की समान अवधि के 2,389 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,222 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, खर्च भी 3,073 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,908 करोड़ रुपये हो गया, जिससे एक साल पहले 564 करोड़ रुपये की तुलना में 611 करोड़ का घाटा हुआ.

क्विक कॉमर्स सेगमेंट

क्विक कॉमर्स सेगमेंट में स्विगी के भारी निवेश किया है, जून तिमाही में उस यूनिट से रेवेन्यू 108 फीसदी बढ़कर 374 करोड़ रुपये हो गया. क्विक कॉमर्स में ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) भी बढ़कर 2,724 करोड़ रुपये हो गया, जबकि औसत ऑर्डर वैल्यू 441 रुपये से बढ़कर 487 रुपये हो गया, जो स्विगी के विभिन्न वर्टिकल में बढ़ती मांग को दर्शाता है.

स्विगी का अंतिम फंडिंग राउंड

ट्रैक्सन के अनुसार, स्विगी ने 15 फंडिंग राउंड में लगभग 3.62 बिलियन डॉलर जुटाए हैं, जिसमें 50 से अधिक इंस्टीट्यूशनल निवेशक और कुछ एंजेल निवेशक शामिल हैं. 2022 में, कंपनी ने इनवेस्को के नेतृत्व में एक राउंड में 700 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे इसका वैल्यूएश दोगुना होकर 10 बिलियन डॉलर हो गया. तब से इसके वैल्यूएशन में उतार-चढ़ाव आया है, लेकिन स्विगी अब अपने आईपीओ के लिए 10 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन का लक्ष्य बना रही है.

स्विगी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो की लिस्टिंग

स्विगी का IPO उसके बड़े प्रतिद्वंद्वी जो मैटो के मार्केट में लिस्टिग के तीन साल से अधिक समय बाद आ रह है. इस साल ज़ोमैटो के शेयर में लगभग 125 फीसदी की उछाल आई है. कंपनी ने अपनी क्विक कॉमर्स ब्रॉन्च ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया था और अब सीधे स्विगी के इंस्टामार्ट से प्रतिस्पर्धा करती है.

जोमैटो का मार्केट कैप 25 अरब डॉलर पर है, जो स्विगी के अनुमानित 10 अरब डॉलर की वैल्यूएशन से दोगुना से भी ज्यादा है. एक दशक पहले फूड डिलीवरी स्टार्टअप के रूप में शुरू हुई स्विगी ने तब से क्विक कॉमर्स, डाइनिंग और जिनी और स्विगी मिनी जैसी सर्विसेज में विस्तार किया है.

आईपीओ के जरिए स्विगी करीब 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. इसमें 3,750 करोड़ रुपये की नई इक्विटी बिक्री के साथ-साथ 6,664 करोड़ रुपये तक का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) भी शामिल होगा.