फरवरी में 54 लाख म्यूचुअल फंड SIP बंद, स्टॉपेज रेश्यो 122 फीसदी पर पहुंचा

Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड SIP स्टॉपेज रेश्यो फरवरी में बढ़कर 122.76% हो गया. नए शुरू करने की तुलना में अधिक निवेशकों ने SIP बंद की है. हालांकि, जानकार इसके पीछे अलग तर्क दे रहे हैं और कह रहे हैं कि लोग लॉन्ग टर्म निवेश को लेकर भरोसा दिखा रहे हैं.

म्यूचुअल फंड एसआईपी रेश्यो. Image Credit: Getty image

Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड एसआईपी स्टॉपेज रेश्यो फरवरी में बढ़कर 122.76 फीसदी हो गया, जो जनवरी 2025 में 109.15 फीसदी था. इस आंकड़े से पता चल रहा है कि अधिक निवेशकों ने नए निवेश शुरू करने की बजाय अपनी SIP को बंद करना या अपनी SIP टेन्योर को समाप्त करना चुना. फरवरी में बंद या पूरी हुई SIP की संख्या 54.70 लाख थी, जबकि रजिस्टर्ड नई SIP की संख्या 44.56 लाख थी. चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में SIP स्टॉपेज रेश्यो 72.32 फीसदी दर्ज किया गया. इसके विपरीत एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में स्टॉपेज रेश्यो 52.41 फीसदी था.

खुलने की तुलना में अधिक बंद हो रही हैं SIP

SIP स्टॉपेज रेश्यो नई रजिस्टर्ड की तुलना में बंद की गई SIP की संख्या है. 100 फीसदी से अधिक रेश्यो यह दर्शाता है कि शुरू की गई SIP की तुलना में अधिक SIP बंद की जा रही हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इसमें वे SIP भी शामिल हैं, जिनकी अवधि पूरी हो चुकी है. निवेशक पोर्टफोलियो फेरबदल के हिस्से के रूप में एक SIP से दूसरे में ट्रांसफर हो सकते हैं.

SIP इनफ्लो में गिरावट

AMFI के मंथली आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड SIP इनफ्लो फरवरी में लगभग 2 फीसदी घटकर 25,999 करोड़ रुपये रह गया, जबकि जनवरी में यह 26,400 करोड़ रुपये और दिसंबर में 26,459 करोड़ रुपये था. फरवरी 2025 में SIP AUM 12,37,783.57 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 8.26 करोड़ योगदान देने वाले SIP अकाउंट थे.

फरवरी 2025 तक, कुल म्यूचुअल फंड फोलियो 23,22,80,804 थे, जबकि रिटेल म्यूचुअल फंड फोलियो (इक्विटी + हाइब्रिड + सॉल्यूशन-ओरिएंट स्कीम) 36,44,112 करोड़ रुपये रहा, जबकि जनवरी 2025 में यह 38,77,595 करोड़ रुपये था.

क्या संकेत दे रहे आंकड़े

ईटी ने AMFI के चीफ एग्जीक्यूटिव वेंकट चालसानी के हवाले से लिखा कि भारतीय म्यूचुअल फंड उद्योग लगातार फ्लेक्सिबिलिटी दिखा रहा है, जिसमें अलग-अलग कैटेगरी में निवेशकों की भागीदारी लगातार बनी हुई है. बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, नेट इनफ्लो 40,063 करोड़ रुपये रहा, जो लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है.

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