इन 6 स्मॉल और मिड कैप फंड ने अपने निवेशकों का डुबाया पैसा, निवेश से पहले याद रखें ये सीख

2025 को आए 1 महीने पूरे होने वाले हैं. लेकिन पिछले साल यानी 2024 की कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें मालूम होना चाहिए ताकि इस साल निवेशक कोई गलती न करें. जानें पिछले साल के 6 ऐसे स्मॉल और मिड कैप फंड जिन्होंने अपने निवेशकों को कंगाल कर दिया है.

इन फंड्स ने निवेशकों का किया नुकसान Image Credit: @Freepik/@Canva

Small and Mid Cap Funds: साल 2024 को बीते 1 महीने होने वाले हैं. लेकिन फिर भी हम पुराने साल की कुछ बातों को दोहरा रहे हैं ताकि निवेशक वह गलतियां न करें जो पहले की जा चुकी है. आज हम आपको पिछले साल के 6 ऐसे स्मॉल और मिड कैप फंड के बारे में बताएंगे जिसने अपने निवेशकों के पैसे को बर्बाद कर दिया है.

Value Research कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी फंड्स ने अपने निवेशकों को बेहतर और दमदार रिटर्न के सपने दिखाए लेकिन बाद में सभी के पैसे को डुबो दिया. हालांकि गलती सिर्फ कंपनी की ही नहीं निवेशकों की भी थी, उन्होंने लगातार मिल रहे संकेतों को नजरअंदाज किया. आइए इन स्मॉल और मिड कैप फंड की जानकारी आपको देते हैं साथ ही आगे के लिए सावधान भी करते हैं.

1. Wardwizard Innovations & Mobility

गुजरात की इलेक्ट्रिक गाड़ी बनाने वाली कंपनी Wardwizard ने अपने निवेशकों को पैसा लगाने पर मजबूर कर दिया. दरअसल जून 2024 में कंपनी ने ऐलान किया कि उसे 11,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है यानी उसके मार्केट कैप जो कि 1,200 करोड़ रुपये है, से तकरीबन 10 गुना बड़ा. इस खबर के आने के बाद निवेशकों ने इस शेयर में खूब निवेश किया. शेयर के भाव आसमान छू रहे थे.

लेकिन ध्यान से अगर देखा जाता तब समझ आता कि ये कोई ऑर्डर नहीं बल्कि नॉन बाइंडिंग मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग था. न कि किसी फर्म का कमिटमेंट. इसी को देखते हुए कंपनी के प्रमोटर ने सबसे पहले अपनी 13 फीसदी हिस्सेदारी को बेचा फिर सितंबर 2024 तक 4 और फीसदी बेच दिए. लेकिन जिन निवेशकों ने यह समझने में देरी कर दी उन्हें काफी नुकसान हुआ. 61 रुपये वाले शेयर का भाव गिरकर 36 रुपये पर आ गया.

सीख- प्रमोटर हिस्सेदारी की बिक्री और लुभावने रिटर्न, नॉन बाइंडिंग ऐलान, ऐसे खतरे संकेत पर जरूर ध्यान दें.

2. Trust Fintech

ट्रस्ट फिनटे की एंट्री स्टॉक एक्सचेंज में अप्रैल 2024 में हुई थी. दो महीने से भी कम समय में कंपनी ने अपने निवेशकों को 3 गुना का रिटर्न दिया. लेकिन वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही तक, कंपनी के EBITDA में साल दर साल के आधार पर 50 फीसदी की गिरावट आई. मजबूत ऑर्डर पूरा करने के बावजूद वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही तक कंपनी का रेवेन्यू 17 करोड़ रुपये रहा. कंपनी का लक्ष्य था कि साल के अंत तक वह 70 करोड़ रुपये हो जाए. जिन निवेशकों ने इन संकेतों पर ध्यान नहीं, उनको काफी नुकसान हुआ.

सीख- जब प्रॉफिट, कैश फ्लो में नहीं बदलता है और कंपनी रेवेन्यू टारगेट पूरा नहीं कर पाती तब सोच-विचार करने की जरूरत होती है.

3. K2 Infragen

शुरू में कंपनी ने 396 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक किया. जो इसके मार्केट कैप के बराबर था. लोगों को उम्मीद थी कि कंपनी अच्छा करेगी. लिस्टिंग के तीन महीने के अंदर ही स्टॉक 2.8 गुना बढ़ गया. लेकिन जिन निवेशकों ने करीब से कंपनी के फंडामेंटल को देखा, उन्हें कुछ गड़बड़ियां दिखाई दी.

कंपनी की लगभग 60 फीसदी संपत्तियां, ट्रेड रिसीवेबल्स में थे जो कैश फ्लो में परेशानी की ओर संकेत कर रहे थे. वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही के नतीजों में दिखा कि साल दर साल के आधार पर नेट प्रॉफिट में 33 फीसदी की गिरावट आई है. जिसके बाद शेयर अपने ऑल टाइम हाई से 61 फीसदी नीचे गिर गए जिससे निवेशकों को काफी नुकसान हुआ.

सीख- हाई ट्रेड रिसीवेबल्स और प्रॉफिट का लगातार गिरना, संकट से पहले के संकेत होते हैं.

4. Drone Destination

कंपनी का मुनाफा वित्त वर्ष 2024 में तकरीबन 3 गुना बढ़कर 7 करोड़ रुपये हो गया और जुलाई 2023 में लिस्टिंग के बाद से इसके शेयर ने निवेशकों की संपत्ति को साल भर में सात गुना बढ़ा दिया. ऑपरेशन से 15 करोड़ रुपये का नेगेटिव कैश फ्लो और P/E रेशियो में 155 की तेजी ने निवेशकों के लिए अलर्ट जारी किया था. इसके बाद शेयर में 60 फीसदी की गिरावट आई जिससे देर से निवेश किए निवेशकों को काफी नुकसान हुआ.

सीख- वैल्यूएशन जिसका कोई मायने नहीं हो और कैश फ्लो में गड़बड़ी आने का मतलब सावधानी होता है.

5. Taylormade Renewables

Taylormade Renewables  करीब हो गया. फिर वित्त वर्ष 24 में वह बढ़कर 47 करोड़ रुपये का हो गया. कंपनी का रिकॉर्ड काफा साफ दिख रहा था फिर भी निवेशकों ने सभी फैक्टर्स को नजरअंदाज करते हुए पैसे लगाए. कंपनी के शेयर जनवरी 2023 में 40 रुपये की बढ़त के साथ नवंबर तक 2023 में 815 रुपये पर पहुंच गया लेकिन उसके तुरंत बाद शेयर का भाव गिरकर 280 रुपये पर आ गया.

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6. MTAR Technologies

एक समय था जब MTAR के शेयर लोगों को काफी पसंद आते थे. लेकिन वित्त वर्ष 24 के टारगेट रेवेन्यू से चूक गई. 830-860 करोड़ रुपये अनुमानित टारगेट से लुढ़क कर कंपनी 580 रुपये पर आ गई. ये देखकर प्रमोटर ने भी अपनी हिस्सेदारी को काफी घटा दिया.

मार्च 2025 में अपनी हिस्सेदारी 50 फीसदी से घटाकर सितंबर 2024 तक 38 फीसदी कर दिया था. कंपनी ने वित्त 2022-24 में क्युमुलेटिव ऑपरेटिंग प्रॉफिट 305 करोड़ रुपये दर्ज किया जबकि ऑपरेशन से कैश फ्लो केवल 34 करोड़ रुपये था. इसके बाद, सितंबर, 2023 के बाद से ही स्टॉक में 42 फीसदी की गिरावट देखी गई.

सीख- प्रमोटर का कॉन्फिडेंस कम होना और कमजोर कैश फ्लो निवेशकों के लिए संकेत हैं.

डिसक्‍लेमर– Money9live आपको किसी शेयर या म्‍यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्‍य लें.