बोले म्यूचुअल फंड के दिग्गज: FII की आवाजाही से नहीं डरता बाजार, SIP ने संभाल रखा है मोर्चा
Money9 Financial Freedom Summit 2025 में भारतीय शेयर बाजार की मजबूती में म्यूचुअल फंड के योगदान पर चर्चा हुई. "India Chants SIP Mantra" सत्र को संबोधित करते हुए AMFI प्रमुख वीएन चालसानी ने कहा कि अब भारतीय बाजार FII की आवाजाही से नहीं डरता है, बाजार को अब SIP संभालने लगा है.

Association of Mutual Funds in India (AMFI) के मुख्य कार्यकारी वीएन चालसानी ने बुधवार 5 मार्च, 2025 को Money9 Financial Freedom Summit 2025 को संबोधित किया. “इंडिया चैंट्स SIP मंत्र” सत्र के दौरान Share Market के उतार चढ़ाव में संस्थागत विदेशी निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की भूमिका पर बात करते हुए कहा कि पहले FII बाजार में आते थे, तो बाजार उछल जाता था और जाते थे, तो गिरने लगता था. अब ऐसा नहीं होता है. अब DII और रिटेल निवेशक मोर्चा संभाले हुए हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह शेयर बाजार के आकार में म्यूचुअल फंड और खासतौर पर SIP ने अहम योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि देश वित्तीय समावेशन के ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां व्यापक स्तर पर निवेश में लोगों की दिलचस्पी पैदा हुई है. खासतौर पर पिछले दिनों लॉन्च की गई छोटी SIP से बड़ी उम्मीदें हैं. यह निवेशकों का एक नया और बड़ा वर्ग तैयार करेगी, जिससे बाजार को मजबूती मिलेगी.
इसी विषय पर हुई चर्चा में आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के एमडी और सीईओ ए बालासुब्रमण्यम, डीएसपी म्यूचुअल फंड एमडी और सीईओ कल्पेन पारेख, 360 वन एसेट के सीईओ राघव अयंगर और क्वांटम म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ जिमी पटेल शामिल हुए. इस दौरान बालासुब्रमण्यम ने कहा कि बाजार की गिरावट को लेकर कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी करेक्शन हुए हैं और हर बार बाजार पहले से बेहतर बनकर उभरा है.
नौकरी की तरह करें निवेश
बालासुब्रमण्यम ने कहा कि निवेशकों को अपने माइंड सेट पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब लोग नौकरी तलाशते हैं, तो उनका प्रयास होता है कि ऐसी नौकरी देखें, जो शॉर्ट टर्म की नहीं हो बल्कि चाहते हैं कि एक ही नौकरी ऐसी हो, जिसमें समय के साथ पैसा, पद, प्रतिष्ठा बढ़े और वहीं से रिटायर हो जाएं. यही रवैया हमें निवेश के बारे में रखना चाहिए. निवेश को शॉर्ट टर्म गेन के बजाय लॉन्गटर्म के साथ करना चाहिए. उन्होंने बताया कि वे हमेशा 10-15 वर्ष के नजरिये के साथ निवेश के पक्ष में रहते हैं.
वित्तीय जागरूकता जरूरी
चालसानी ने वित्तीय जागरूकता और वित्तीय साक्षरता को जरूरी बताते हुए कहा कि किसी भी निवेश की तुलना में अपने ज्ञान और जागरूकता पर किए गए निवेश का रिटर्न सबसे ज्यादा होता है. उन्होंने कहा कि बाजार नियामक सेबी के साथ मिलकर AMFI देश में वित्तीय जागरूकता पर लगातार काम कर रहा है.
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