फ्रंट रनिंग पर रोक लगाने के लिए AMFI ने तैयार किया रोडमैप, जल्द लागू होंगे नए नियम
एमफी ने बाजार दुरुपयोग को रोकने के लिए न्यूनतम मानक निर्धारित किए हैं. साथ ही पहले एमसी को ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए एक संस्थागत सिस्टम तैयार करने के लिए भी कहा था.
एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसी) की ओर से की जा रही फ्रंट रनिंग और और बाजार दुरुपयोग को रोकने के लिए एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने सख्त रवैया अपना है. इसके लिए एमफी ने न्यूनतम मानक निर्धारित किए हैं. इतना ही नहीं एमफी ने पहले एमसी को ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए एक संस्थागत सिस्टम तैयार करने के लिए भी कहा था. इसके तहत 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति वाली इक्विटी योजनाओं के लिए नवंबर से और कम एयूएम वाली योजनाओं के लिए फरवरी से मानकों को सिलसिलेवार तरीके से लागू किया जाएगा.
एमफी के प्लान के मुताबिक निष्क्रिय, आर्बिट्राज और विदेशी योजनाओं के लिए नियम मई से लागू होंगे, जबकि ऋण और अन्य योजनाओं के लिए ये अगले साल अगस्त से प्रभावी होंगे. बता दें इस महीने की शुरुआत में सेबी ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें एएमसी को ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए सिस्टम बनाने को कहा गया था.
3 टियर अलर्ट
एमफी के नए गाइडलाइन के तहत एएमसी को हर हफ्ते संदिग्ध ट्रेडिंग गतिविधि पर 3 टियर अलर्ट तैयार करना होगा और इनकी समीक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं बनानी होंगी.अलर्ट का पहला सेट लार्ज कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप की भागीदारी मात्रा और वॉल्यूम वेट एवरेज प्राइस पर आधारित होगा. इसके बाद डील होने और ब्लॉक ट्रेड के दौरान एएमसी के व्यापार से एक घंटे पहले ट्रेड किए गए स्क्रिप वॉल्यूम को ध्यान में रखा जाएगा. इस दौरान संदिग्ध के रूप में पहचाने गए अलर्ट की फिर आगे जांच की जाएगी. एएमसी प्रमुख कर्मचारियों के सभी रिकॉर्ड किए गए कम्युनिकेशन, एएमसी कैम्पस के प्रवेश लॉग और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करेगी ताकि संदिग्ध अलर्ट की जांच की जा सके. साथ ही डीलिंग रूम में बायोमेट्रिक होना अनिवार्य होगा.
कर सकते हैं कार्रवाई
एएमसी संदिग्ध अलर्ट से जुड़े ब्रोकरों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए ब्रोकर एम्पैनलमेंट समझौतों में अब तुरंत टर्मिनेट करने सहित फ्रंट-रनिंग के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देने के लिए एक अलग सेक्शन शामिल होगा. नियम के मुताबिक एएमसी को व्यापार को एक्सीक्यूट करने में कितना समय लगा और यदि ट्रेड के निर्देश दिए जाने पर शेयर की कीमत बदल जाती है तो इसके कारणों की जांच करनी होगी. एएमसी को संदिग्ध और गैर-संदिग्ध ट्रेडों के बीच अंतर करना होगा.
क्या होती है फ्रंट रनिंग?
फ्रंट रनिंग एक ऐसा गैर-कानूनी तरीका है, जिससे फंड मैनेजर को आने वाले बड़े ट्रेड के बारे में पहले से जानकारी मिल जाती है और वो इस आधार पर पहले से ही ऑर्डर लगा देते हैं. वे इसके जरिए मोटा मुनाफा कमाते हैं.