Bajaj Broking: FY25 में म्यूचुअल फंड में FPI नेट सेलर, इक्विटी फंड्स में 14 फीसदी की बड़ी गिरावट
Bajaj Broking की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में FPI यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स नेट सेलर रहे हैं. इसके अलावा AMFI के डाटा के मुताबिक मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड में सालाना आधार पर 14 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है.

Bajaj Broking ने म्यूचुअल फंड में FPI की गतिविधियों पर रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि FY 25 में FPI भारतीय बाजार में म्यूचुअल फंड में नेट सेलर रहे हैं. इसके साथ ही बताया कि सिर्फ चार ऐसे सेक्टर रहे हैं, जिनमें FPI की तरफ से नई और सार्थक खरीद देखने को मिली है. वहीं, AMFI यानी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 14% की गिरावट आई है, जो 25,082 करोड़ रुपये तक सीमित हो गई है.
लगातार तीसरे महीने गिरावट
AMFI के डाटा के मुताबिक इक्विटी म्यूचुअल फंड में लगातार तीसरे महीने निवेश में गिरावट देखी गई है. हालांकि, इस दौरान फ्लेक्सी कैप फंडों में सबसे अधिक प्रवाह दर्ज किया गया, जबकि सेक्टोरल फंडों में भारी गिरावट आई है. मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया, जबकि गोल्ड ETF में निकासी देखी गई है. कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंडों में 1.64 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई है.
नेट सेलर रहे FPI
Bajaj Broking की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2025 में घरेलू फंड का इनफ्लो अपेक्षाकृत स्थिर रहा. वहीं, FPI नेट सेलर रहे. घरेलू निवेशक जहां रेपो पर आरबीआई के फैसले से उत्साहित दिखे, वहीं एफपीआई में ट्रंप के टैरिफ वॉर का खौफ दिखा. मार्च 2025 में FPI ने भारतीय इक्विटी में 40.2 करोड़ डॉल की बिकवाली की है. हालांकि, मार्च 2025 में 4 सेक्टर रहे जिनमें FPI ने सार्थक खरीदारी की है.

रिटेल निवेशकों का भरोसा कायम
भले ही FPI की तरफ से भारत के इक्विटी बाजार से लगातार बिकवाली की जा रही है. लेकिन, रिटेल निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा कायम है. यह भरोसा SIP डाटा में नजर आता है. बजाज ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2025 में SIP के जरिये म्यूचुल फंड इनफ्लो में इजाफा हुआ है. वित्त वर्ष 2024 की तुलना में इसमें 32 फीसदी का इजाफा हुआ है.

FPI ने किन सेक्टर में की खरीद?
मार्च में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सबसे ज्यादा निवेश फाइनेंशियल सेक्टर में किया है. इसके अलावा मेटल एंड माइनिंग, टेलीकम्युनिकेशन और रियल्टी और सर्विस सेक्टर में भी निवेश बढ़ाया है. FPI की मार्च में की गई सेक्टोरल गतिविधियों को नीचे दिए गए ग्राफ में देखा जा सकता है.

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