मार्केट टाइमिंग की चिंता छोड़ें, SIP करें और टिके रहें; बोले मिरै एएमसी के श्रीनिवास खानोलकर

मिरै एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (भारत) के श्रीनिवास खानोलकर ने कहा कि SIP ऐसा प्रोडक्ट है, जिसके लिए मार्केट की टाइमिंग ज्यादा मायने नहीं रखती है. अगर लॉन्ग टर्म में इन्वेस्टिंग का फायदा लेना है, तो नियमित रूप से SIP जैसे प्रोडक्ट में निवेश करें.

मनी9 के फाइनेंशियल फ्रीडम समिट को संबोधित करते हुए मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट के श्रीनिवास खानोलकर Image Credit: money9live

Financial Freedom Summit के दौरान बाजार में आई गिरावट की वजह से निवेशकों के रुख में आए बदलाव को लेकर चर्चा की गई. इस पैनल चर्चा में मिरै एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (भारत) के श्रीनिवास खानोलकर और यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के सीएमओ सौरभ जैन शामिल हुए. खासतौर पर चर्चा ऐसे निवेशकों को लेकर हुई, जो बाजार में एंट्री के लिए बाजार की सही टाइमिंग का इंतजार करते रहते हैं. जब शेयर बाजार शीर्ष पर था, तब ऐसे निवेशकों का सवाल रहता था कि बाजार सही प्राइसिंग पर कब आएगा. वहीं, जब फिलहाल बाजार गिरा हुआ है, तो ऐसे निवेशकों का सवाल है कि बाजार को लेकर अच्छी खबर कब आएगी.

ग्रेट प्राइस और गुड न्यूज साथ नहीं मिलते

इन सवालों को लेकर सौरभ जैन ने कहा कि जो निवेशक अच्छी प्राइस और अच्छी न्यूज एक साथ चाहते हैं, उन्हें यह समझना होगा कि ऐसा कभी नहीं होता है. क्योंकि, जब कोई स्टॉक अच्छी प्राइस पर मिल रहा होता है, तब मार्केट या स्टॉक किसी बुरी न्यूज से गुजर रहा होता है, वहीं, जब मार्केट या किसी स्टॉक को लेकर अच्छी न्यूज आ रही होती है, तो जाहिर तौर पर उसका प्राइस ऐसे निवेशकों को पसंद नहीं आ रहा होता है. शेयर बाजार में यह विरोधाभास हमेशा रहेगा. लिहाजा, निवेशकों को अगर अच्छी प्राइस चाहिए, तो गिरावट के दौर में खरीदारी का साहस जुटाना होगा.

वोलैटिलिटी जरूरी

इसी दौरान श्रीनिवास खानोलकर ने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर स्वाभाविक है. अगर निवेशकों को इस उतार-चढ़ाव की चिंता से बचकर निवेश का आनंद लेना है, तो लॉन्गटर्म टार्गेट के साथ SIP जैसे प्रोडक्ट में निवेश करना चाहिए. खानोलकर ने कहा कि SIP ऐसा प्रोडक्ट है, जिसके लिए मार्केट की टाइमिंग ज्यादा मायने नहीं रखती है. क्योंकि, अगर लॉन्ग टर्म के लिए SIP के जरिये निवेश किया जाए, तो निश्चित रूप से फायदा होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मार्केट में उतार-चढ़ाव बेहद जरूरी है, अगर बाजार में किसी तरह की वोलैटिलिटी नहीं होगी, तो इसका एक ही मतलब होगा कि बाजार खत्म हो चुका है या बंद हो चुका है.