बाजार लहूलुहान, म्‍यूचुअल फंड निवेशक कर रहे त्राहिमाम; फ्लेक्‍सी फंड्स से भी नहीं मिला सहारा!

आज आपको फ्लेक्सी-कैप म्यूचुअल फंड्स के बारे में बताने वाले हैं जिन फंड्स ने स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में कम निवेश किया है, वे बाजार में गिरावट के दौरान कम नुकसान में रहे हैं. आइए एक-एक कर जानते हैं.

बाजार में बड़ी गिरावट में कौन सा फंड ज्यादा गिरता है. Image Credit: AI

Large cap vs Mid cap vs Small cap fund: बीते महीनों की गिरावट ने निवेशकों की हालत खराब रखी है. शेयर बाजार में हालिया गिरावट ने स्मॉलकैप और मिडकैप फंड में निवेश करने वाले फ्लेक्सी-कैप फंड्स को अधिक नुकसान पहुंचाया है. दूसरी ओर जो फंड्स लार्जकैप में ज्यादा निवेश करते हैं, वे अपेक्षाकृत सुरक्षित रहे हैं. आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं.

इन वजहों से बाजार में त्राहिमाम

  • विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली
  • खराब तिमाही रिजल्ट,
  • खराब ग्लोबल सेंटीमेंट
  • राजनीतिक अस्थिरता
  • टेक्निकल व्यू
  • हाई वैल्यूएशन

गिरावट में फ्लेक्सी-कैप फंड्स का प्रदर्शन

सितंबर 26, 2024 से लेकर फरवरी 10, 2025 तक शेयर बाजार में तेज गिरावट देखी गई. इस दौरान इंडेक्स का हाल ये है.

  • BSE 500 इंडेक्स 12.96 फीसदी गिरा.
  • मिडकैप इंडेक्स 13.23 फीसदी गिरा.
  • स्मॉलकैप इंडेक्स 14.87 फीसदी गिरा.

इसी अवधि में फ्लेक्सी-कैप फंड्स को भी नुकसान हुआ, लेकिन जिन फंड्स ने लार्जकैप कंपनियों में ज्यादा निवेश किया था, वे कम प्रभावित हुए हैं

किन फंड्स को हुआ कम नुकसान?

  • Parag Parikh Flexi Cap – केवल 3.3 फीसदी गिरा.
  • HDFC Flexi Cap – 8 फीसदी गिरा.
  • इन फंड्स में लार्जकैप कंपनियों का निवेश 60 फीसदी से अधिक था, जिससे गिरावट के असर को सीमित किया जा सका.

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किन फंड्स को हुआ ज्यादा नुकसान?

  • ICICI Prudential Flexicap – 12.9 फीसदी गिरा.
  • Motilal Oswal Flexicap – 11.1 फीसदी गिरा.
  • Axis Flexi Cap – 12.5 फीसदी गिरा.
  • इन फंड्स का निवेश मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों में ज्यादा था, जिससे इनके नुकसान का स्तर बढ़ गया.

निवेशकों के लिए बेहतरीन सबक

कम जोखिम वाले निवेशकों को ज्यादा लार्जकैप वाली योजनाएं चुननी चाहिए क्योंकि ये बाजार गिरने पर ज्यादा सुरक्षित रहती हैं. जो निवेशक ज्यादा जोखिम ले सकते हैं, वे मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेश करने वाले फंड्स को चुन सकते हैं, क्योंकि बाजार में सुधार आने पर इनमें तेजी से उछाल देखने को मिल सकता है. बाजार में गिरावट और उछाल का असर किस फंड पर कितना पड़ेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह फंड किन कंपनियों में निवेश कर रहा है.

वैल्यूएशन की चिंता कम न होना

इस गिरावट के बाद भी वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं. निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स दोनों ही 2024 के अपने रिकॉर्ड हाई से 15 फीसदी नीचे आए हैं. हालांकि ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, अभी भी निफ्टी मिडकैप एक साल के फारवर्ड अर्निंग के 30 गुने पर और निफ्टी स्मॉलकैप 23 गुने पर ट्रेड हो रहा है.

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