बाजार के उतार-चढ़ाव में भी म्यूचुअल फंडों में SIP का रहा जलवा, अक्टूबर में बना नया रिकॉर्ड
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (MFI) की ओर से 11 नवंबर को जारी आंकड़ों में पता चला कि अक्टूबर 2024 में पहली बार SIP से हुए निवेश ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है. बाजार के उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों का भरोसा इसमें कायम है.
पिछले कुछ समय से भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. बीते महीने इक्विटी बाजार का कमजोर प्रदर्शन देखने को मिला इसके बावजूद मासिक व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है. यही वजह है कि अक्टूबर में इसने नया रिकॉर्ड बनाया है.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (MFI) की ओर से 11 नवंबर को जारी आंकड़ों में पता चला कि अक्टूबर 2024 में पहली बार SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश 25,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है.
पिछले महीने से ज्यादा हुआ निवेश
निवेशकों ने मार्केट के डाउन होने के बावजूद एसआई में भरोसा दिखाया और इसमें निवेश किया. MFI के डेटा के अनुसार अक्टूबर में एसआईपी से निवेश 25,322 करोड़ रुपये थी, जो सितंबर में 24,509 करोड़ रुपये के मुकाबले अब तक का ऑल टाइम हाई है. आंकड़ों के मुताबिक एसआईपी खातों की कुल संख्या भी बढ़ी है. सितंबर में यह 9.87 करोड़ था, जबकि अक्टूबर 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 10.12 करोड़ दर्ज की गई. यह अब तक का सबसे ज्यादा है. इसके अलावा अक्टूबर के दौरान 24.19 लाख एसआईपी खाते जोड़े गए.
किन सेग्मेंट में ज्यादा रहा निवेश?
MFI के डेटा के मुताबिक अक्टूबर महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में इंफ्लो 41,887 करोड़ रुपये रहा है. इसमें 21.69 फीसदी का उछाल आया है. ये लगातार 44वां महीना है जब इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पॉजिटिव रहा. इसके अलावा लार्ज-कैप फंड्स में 3452 करोड़ रुपये, मिड-कैप फंड्स में 4883 करोड़ रुपये और स्मॉल-कैप फंड्स में 3772 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया है. अक्टूबर में हाईब्रिड फंड में सबसे ज्यादा 16863.3 करोड़ रुपये का निवेश रहा है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी का कहना है कि इक्विटी इनफ्लो मासिक आधार पर 40 हजार करोड़ के आसपास बना हुआ है. अमेरिकी चुनावों सहित दूसरी प्रमुख वैश्विक घटनाओं के कारण बाजार में अस्थिरता देखने को मिली है. इन तमाम उतार-चढ़ाव के बावजूद इक्विटी में निवेश जारी है, घरेलू निवेशक इसमें भरोसा बनाए हुए हैं, जो एक अच्छा संकेत है.