निवेशकों को इस बड़े म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना पड़ा भारी, डूबे 1,830 करोड़ रुपये
एक नामी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों को तगड़ा झटका लगा है. उनके करीब 1830 करोड़ रुपये डूब गए हैं. इस सिलसिले में सेबी की नजर है, बाजार नियामक ने फंड हाउस को शो कॉज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा है.
निप्पॉन लाइफ इंडिया म्यूचुअल फंड जिसे पहले रिलायंस म्यूचुअल फंड के नाम से जाना जाता था, इसमें पैसा लगाने वाले निवेशकों को 1830 करोड़ रुपये का तगड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. कमाई डूबने की वजह फंड हाउस की ओर से यस बैंक के AT-1 बॉन्ड्स में निवेश करना है. यह बात मनी कंट्रोल ने सेबी की अगस्त 2024 में जारी किए गए नोटिस में दी डिटेल जानकारी के आधार पर बताई है.
क्या है मामला?
AT-1 बॉन्ड्स एक तरह की डेट फैसलिटी है जो बैंकों को उनके कैपिटल बेस को मजबूत करने के लिए उपयोग की जाती है. ये बॉन्ड सीबीआई जांच के दायरे में है. यह मामला दिसंबर 2016 और मार्च 2020 के बीच की अवधि का है. ये वो वक्त था जब यस बैंक और रिलायंस कैपिटल के स्वामित्व वाली कंपनियों के बीच कुछ लेनदेन हुए थे, जिस पर सेबी की नजर पड़ी थी. सेबी ने 8 अगस्त के एक आदेश में कहा था कि AMC ने कुछ योजनाओं पर अतिरिक्त खर्च उठाया था, लेकिन ट्रस्टी ने यह सुनिश्चित नहीं किया था कि एएमसी नियमों का पालन कर रहा है या नहीं. इस सिलसिले में Sebi ने फंड हाउस को 2024 दिसंबर को एक शो कॉज नोटिस भी भेजा था.
फंड हाउस से मांगा गया स्पष्टीकरण
निप्पॉन लाइफ इंडिया म्यूचुअल फंड ने कथित तौर पर यस बैंक के साथ एक ‘क्विड प्रो क्वो’ व्यवस्था के तहत कुछ लेन-देन किए थे. इस दौरान प्रबंधन शुल्क के तौर पर फंड हाउस ने लगभग 88.60 करोड़ रुपये कमाए थे. बाजार नियामक ने फंड हाउस से स्पष्टीकरण मांगा कि क्यों ये चार्जेज वापस नहीं किए गए साथ ही कुछ दूसरे सवाल भी उठाए. जांच के बाद से ही ये बॉन्ड्स पूरी तरह से हटा दिए गए हैं. निप्पॉन लाइफ इंडिया MF ने स्टॉक एक्सचेंज के बयान में सेबी से मिले शो कॉज नोटिस की पुष्टि की थी, हालांकि मुख्य आरोप और जांच का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है.
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सीबीआई किस वजह से कर रही जांच?
दिसंबर 2024 की एक रिपोर्ट में मनीकंट्रोल ने बताया था कि राणा कपूर परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी मॉर्गन क्रेडिट प्राइवेट लिमिटेड के नॉन कंवर्टेबल डिबेंचर यानी NCD में निप्पॉन लाइफ इंडिया म्यूचुअल फंड ने 950 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इसी को लेकर फंड हाउस सीबीआई जांच के दायरे में है. यह मामला दिसंबर 2016 और मार्च 2020 के बीच का है. तभी से मार्केट रेगुलेटर सेबी की भी इस पर नजर पड़ी थी.
डिस्क्लेमर– मनी9लाइव किसी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता. किसी भी तरह के निवेश से पहले आप अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें. वेबसाइट किसी भी नफा-नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगी.