Sebi ने पैसिवली मैनेज्ड फंडों के लिए पेश किया MF Lite फ्रेमवर्क, जानें नफा-नुकसान
बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को पैसिवली मैनेज्ड फंड्स के लिए म्यूचुअल फंड लाइट फ्रेमवर्क पेश किया. एक्टिवली मैनेज्ड फंड्स के लिए सेबी की तरफ से पहले ही एक फ्रेमवर्क पेश किया जा चुका है. इस तरह अब दोनों तरह के फंड में म्यूचुअल फंड लाइट की सुविधा मिल पाएगी.
इक्विटी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को पैसिवली मैनेज किए जाने वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए म्यूचुअल फंड लाइट (एमएफ लाइट) फ्रेमवर्क पेश किया है. मंगलवार को सेबी की तरफ से जारी सर्कुलर में इसकी जानकारी दी गई. म्यूचुअल फंड के लिए मौजूदा विनियामकीय ढांचा एक्टिव और पैसिव दोनों तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए समान रूप से लागू है. यह नेटवर्थ, ट्रैक रिकॉर्ड और प्रॉफिटेबिलिटी सहित एंट्री बैरियर्स से संबंधित प्रावधानों के आधार पर कोई अंतर नहीं करता है.
म्यूचुअल फंड लाइट असल में एक आसान रेग्युलरेटरी व्यवस्था है. यह पहले एक्टिव फंड के लिए पेश की गई थी. 31 दिसंबर, 2024 को जारी सेबी के सर्कुलर के मुताबिक अब इसे पैसिवली मैनेज्ड फंड्स के लिए भी लागू कर दिया गया है. सेबी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि म्यूचुअल फंड के लिए मौजूदा विनियामकीय ढांचे को एक्टिव और पैसिव दोनों तरह के फंड के समान बनाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है.
एमएफ लाइट फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन के पहले चरण के तहत, प्रत्येक वित्तीय वर्ष के 31 दिसंबर तक 5,000 करोड़ रुपये और उससे अधिक की कलेक्टिव एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) वाले डोमेस्टिक इक्विटी पैसिव इंडेक्स पर फंडों को कवर किया जाएगा. इसके अलावा सभी जी-सेक, टी-बिल, एसडीएल को भी कवर किया जाएगा, जिनका सामूहिक एयूएम प्रत्येक वित्तीय वर्ष के 31 दिसंबर तक 5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो. इस संबंध में सेबी का पूरा सर्कुलर यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है.
2024 में म्यूचुअल फंड में दोगुना हुआ निवेश
2024 में म्यूचुअल फंड (एमएफ) में लोगों की रुचि काफी रही. खासतौर पर म्यूचुअल फंड की ग्रोथ को रिटेल निवेशकों ने खूब बढ़ावा दिया है. इसमें भी व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) के निवेश में तेज उछाल दर्ज किया गया है. इस साल के पहले 11 महीनों में निवेशकों की संख्या में लगभग 1 करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल यानी दिसंबर 2023 में एसआईपी निवेश 17,610 करोड़ रुपये था, जो पूरे साल लगातार बढ़ता रहा और नवंबर 2024 में 25,320 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. जनवरी से नवंबर की अवधि के लिए कुल एसआईपी निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा. एसआईपी निवेश मुख्य रूप से खुदरा निवेशकों से आता है.
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