जनवरी में 61 लाख SIP कैंसिल, स्मॉल कैप में गिरावट से घबराए निवेशक, जानें अब क्या करें

Mutual Fund: स्मॉल और मिड कैप फंड को लेकर अफरा-तफरी मची हुई है, निवेशक अपनी SIP तेजी से कैंसल कर रहे हैं और निवेश इनफ्लो में गिरावट दिख रही है, कई निवेशक गिरते हु शेयर बाजार के नुकसान के चलते ऐसा कदम उठा रहे हैं. लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अस्थायी हो सकता है. बाजार केवल एक ही दिशा में नहीं हो सकता.

निवेशक घटा रहे SIP में निवेश Image Credit: Freepik

SIP Mutual Fund: शेयर बाजार में बड़ी गिरावट जारी, इस गिरावट का असर म्यूचुअल फंड पर भी दिखने लगा है. हाल ऐसा हो गया है कि अब निवेशकों का SIP पर से भरोसा घटा है. SIP कैंसेलेशन दर में तेजी आई है यानी ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी SIP को रोक रहे हैं. जिन निवेशकों को स्मॉल और मिड कैप फंड में अच्छे रिटर्न दिखाई दे रहे थे वही फंड अब लाल निशान में हैं. स्मॉल और मिड कैप फंड को लेकर निवेशकों में अलग ही बैचेनी है. हर कोई जानना चाह रहा है कि आगे क्या हो सकता है, क्या स्ट्रेटेजी अपनानी चाहिए और निवेशकों का SIP को तेजी से बंद करने के क्या मायने हैं?

बाजार की स्थिति और गिरावट

पिछले छह महीनों में Nifty 50 लगभग 5% और Sensex करीब 4% गिरा है. लेकिन असली चिंता मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों की है. BSE MidCap और BSE SmallCap इंडेक्स अपने हाल के उच्चतम स्तर से लगभग 20% गिर चुके हैं, जो मंदी के करीब पहुंच चुके हैं. पिछले 6 महीने में निफ्टी स्‍मॉल कैप 100 इंडेक्‍स 9.57% से ज्यादा टूट चुका है.

SIP कैंसेलेशन और स्टॉपेज दर में बढ़ोतरी

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी में SIP स्टॉपेज रेशियो यानी नए SIP रजिस्ट्रेशन की तुलना में बंद हुए SIP की संख्या बढ़कर 109% हो गई है, जो दिसंबर में 82.73% और सितंबर 2023 में 60.72% थी. इसका मतलब है कि नए निवेशकों की तुलना में SIP बंद करने वाले निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है.

  • जनवरी में SIP बंद करने वालों की संख्या 61.33 लाख है जो दिसंबर में 44.90 लाख थी
  • नए SIP रजिस्ट्रेशन 56.19 लाख हैं जो दिसंबर में 54.27 लाख थी.
  • जनवरी में SIP इनफ्लो 26,400 करोड़ रहा, जो दिसंबर में 26,459 करोड़ था, मामूली गिरावट

AMFI और SEBI ने क्या कहा?

हालांकि SIP इनफ्लो में गिरावट बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की संस्था AMFI ने बताया कि SIP खातों में गिरावट का एक बड़ा कारण एक्सचेंज और RTAs (Registrar and Transfer Agents) के बीच डेटा को रिकंसाइल करना था, जिससे लगभग 25 लाख खातों का सुधार किया गया है.

इसके अलावा, निवेशकों की सुविधा के लिए SEBI ने हाल ही में ‘MITRA’ (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant) लॉन्च करने की घोषणा की है. यह प्लेटफॉर्म उन निवेशकों की मदद करेगा जो अपने भूले-बिसरे या डिएक्टिव म्यूचुअल फंड निवेशों को ट्रेस करना चाहते हैं. SEBI ने RTAs को निर्देश दिया है कि वे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के साथ मिलकर इस प्लेटफॉर्म को तैयार करें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

हाल में मनी9लाइव के साथ बातचीत में PGIM India Mutual Fund के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव ऑफिसर अजित मेनन ने कहा था कि, बाजार हमेशा एक ही दिशा में नहीं चलता. बाजार में वैल्‍यूएशन हाई थे इसलिए स्‍मॉल कैप से लेकर लार्ज कैप शेयरों तक में गिरावट आई है. विदेशी और घरेलू निवेशकों ने बिकवाली की है. हालांकि, लॉन्‍ग टर्म इंवेस्‍टर्स को ऐसे उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होना चाहिए. आप किसी भी अच्‍छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले फंड को देखेंगे तो पाएंगे कि उसका रिटर्न हमेशा ही बेहतरीन रहा है. भले ही वह स्‍मॉल कैप फंड ही क्‍यों न हो. इक्विटी एक रिस्‍की एसेट क्‍लास है. किसी भी इंवेस्‍टर को ‘बेहतर रिटर्न मिल रहा है’ के लालच से बचना चाहिए. अगर आपने किसी भी इक्विटी फंड- लार्ज कैप या मिड कैप या फ्लेक्‍सी कैप या स्‍मॉल कैप में मान लीजिए 15 साल के लिए निवेश का प्‍लान किया है तो समय से पहले इक्विटी के निवेश को हाइब्रिड या डेट फंड में ट्रांसफर करते रहें. इससे बाजार में गिरावट आने पर आपको अर्जित रिटर्न का नुकसान नहीं होगा.

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