छोटे निवेश से भी करोड़पति बनना है आसान, ये फॉर्मूला अपना कर तो देखें
ऐसा नहीं है कि आप बड़ी रकम का से ही निवेश करें, कम पैसों का निवेश भी लंबे समय में आपको लखपति या करोड़पति बना सकता है. इसके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंडों के सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान बड़े कारगर साबित हुए हैं.
छोटी-छोटी बचत करके भी आप लंबे समय में आसानी से करोड़पति बन सकते हैं. इसमें कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि जादू की तरह काम करता है. ऐसा नहीं है कि आप बड़ी रकम का से ही निवेश करें, कम पैसों का निवेश भी लंबे समय में आपको लखपति या करोड़पति बना सकता है. इसके लिए इक्विटी म्यूचुअल फंडों के सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान बड़े कारगर साबित हुए हैं. लंबी अवधि में एक एसेट क्लास के तौर पर इक्विटी का परफार्मेंस सबसे बेहतर रहा है. अगर आप हर महीने ₹10,000 की बचत करते हैं, तो आप आसानी से 15 वर्षों में करोड़पति बन सकते हैं. आइए, जानते हैं इसके लिए क्या करना होगा.
किसी भी निवेशक का सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि उसके निवेश पर कितना रिटर्न मिलेगा. अगर हम मानते हैं कि आपको सालाना औसतन 10% का रिटर्न मिलेगा, तो 15 वर्षों में ₹1 करोड़ बनाने के लिए आपको लगभग ₹25 लाख का निवेश करना होगा.
इन बातों का रखें ध्यान
निवेश करते समय यह ध्यान में रखना जरूरी है कि बाजार कभी भी स्थिर नहीं रहता. यह कभी चढ़ता है तो कभी गिरता है. साथ ही, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी ज्यादा होता है. वहीं, लार्ज-कैप फंड कम अस्थिर होते हैं, लेकिन इनका रिटर्न भी अपेक्षाकृत कम होता है. आपके निवेश का कम निवेश में ज्यादा रिटर्न हासिल करना है. इसके लिए आपको डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहिए यानी विभिन्न प्रकार के फंड्स में निवेश करना चाहिए.
कैसे करें निवेश?
लार्ज-कैप फंड : ये बड़ी कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जो सुरक्षित होते हैं और इनकी स्थिरता अधिक होती है.
मिड-कैप फंड : ये मझोली कंपनियों में निवेश करते हैं, जो विकसित हो सकती हैं, लेकिन इनमें थोड़ा ज्यादा जोखिम होता है.
स्मॉल-कैप फंड: ये छोटे और उभरती कंपनियों में निवेश करते हैं, जो अच्छे रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी ज्यादा होता है.
डेबिट फंड: यह आपकी इक्विटी निवेश से थोड़ा अलग होता है. इसमें कम जोखिम होता है और स्थिर रिटर्न मिलता है, जैसे कि बॉन्ड्स में निवेश करना.
साथ ही, समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो का रिबैलेंसिंग करना चाहिए. इसका मतलब है कि जैसे-जैसे बाजार ऊपर-नीचे होता है, आपके विभिन्न निवेश के हिस्से में बदलाव आ सकता है. यदि किसी एक फंड का मूल्य बढ़ जाता है, तो यह आपके पोर्टफोलियो को असंतुलित कर सकता है, और आपको इसे सही स्थिति में लाने के लिए पुनः संतुलित करना पड़ता है.
चलिए इसे समझते हैं
हर महीने ₹10,000 जमा करेंगे, यानी एक साल में ₹1,20,000 होगा. 15 वर्षों में आप कुल मिलाकर 18 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट करेंगे. अगर आपको इस निवेश पर सालाना 10 फीसदी का रिटर्न मिलता है तो निवेश की गई राशि धीरे-धीरे बढ़ कर 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक भी हो सकती है. म्यूचुअल फंडों के रिटर्न सालाना आधार पर कुछ कम या ज्यादा हो सकते हैं. इस प्रकार आप एसआईपी के जरिए नियमित निवेश से लखपति या करोड़पति बन सकते हैं.
यह भी पढ़ें– दिसंबर में खत्म हो जाएंगी ये डेडलाइन, आधार-बैंक एफडी से लेकर इन पर मौका