स्मॉल कैप फंड्स में SIP का बढ़ता दबदबा, 16 से 20 फीसदी मिल रहा रिटर्न; फिर क्यों चिंता में सेबी
SIP: स्मॉल कैप फंड्स में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) का इनफ्लो बढ़ता जा रहा है, जिससे निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल रहा है. SIP के माध्यम से स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स में निवेश करने से निवेशकों को 16% से 20% का CAGR रिटर्न मिला है. लेकिन सेबी की क्या चिंताएं हैं...
Mutual Fund SIP: स्मॉल कैप फंड्स (Small Cap Funds) में सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान यानी SIP का इनफ्लो लगातार बढ़ता जा रहा है. मार्च 2024 के आंकड़े बताते हैं कि स्मॉल कैप फंड्स में एसआईपी का शेयर 51 फीसदी तक पहुंच गया है, जबकि मार्च 2019 में यह आंकड़ा 42.7 फीसदी था. यानी पिछले 5 सालों में SIP का ज्यादातर पैसा स्मॉल कैप फंड्स में लग रहा है. मिड कैप फंड्स में भी SIP का शेयर 46% है, जबकि लार्ज कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में यह आंकड़ा 43% और 38% पर है. पिछले 3 सालों में स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स के नेट फोलियो में 30% से ज्यादा की बढ़ोतरी एसआईपी के जरिए हुई है. यानी एसआईपी के माध्यम से निवेशक स्मॉल और मिड कैप फंड्स को ग्रोथ का मौका दे रहे हैं.
SIP को लेकर क्रैज
एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जो निवेशकों को हर महीने एक निश्चित रकम निवेश करने की सुविधा देता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मार्केट की वोलेटिलिटी से बचाता है और मार्केट गिरावट में भी आपकी एवरेज कॉस्ट को कम करता है. स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स ने एसआईपी के जरिए 16% से 20% का CAGR रिटर्न दिया है, जो लंपसम निवेश की तुलना में काफी बेहतर है. हालांकि, इसमें रिस्क भी ज्यादा है, लेकिन लॉन्ग टर्म में इनकी ग्रोथ पोटेंशियल लार्ज कैप से ज्यादा रही है.
सेबी की चिंताएं और फंड हाउस की सतर्कता
सेबी ने मार्च 2024 में स्मॉल कैप फंड्स के वैल्यूएशन को लेकर चिंता जताई थी. कई फंड हाउस ने इनफ्लो को रोकने या लिमिट करने की योजना बनाई है, क्योंकि स्मॉल कैप फंड्स में बढ़ते निवेश से जोखिम भी बढ़ रहा है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि फंड्स को रिस्क से बचाने के लिए और उपाय अपनाने की जरूरत है.
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क्या आगे रहेगा SIP का दबदबा?
SIP अभी भी स्मॉल कैप और मिड कैप इंवेस्टर्स की पहली पसंद है. मिड कैप में स्टेबल ग्रोथ और कम रिस्क के कारण इसकी डिमांड बनी हुई है. वहीं, लार्ज कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में भी SIP की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है. एसआईपी इनफ्लो से छोटे और मझोले शेयरों को लंबी अवधि का सपोर्ट मिल रहा है.