इन सेक्टोरल और थीमेटिक फंड ने 1 साल में दिए हैं 50 फीसदी से अधिक का रिटर्न, क्या आप भी करते हैं इनमें निवेश?

पिछले एक साल में इन इक्विटी म्यूचुअल सेक्टोरल और थीमेटिक फंड ने 50 फीसदी से अधिक का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है. जानें कौनसे हैं वो फंड.

अच्छे रिटर्न वाले फंडअच्छा रिटर्न किसे नहीं चाहिए. सभी निवेशक चाहते हैं कि उनके पोर्टफोलियो में हरियाली बनी रहे. इसी चाहत को लेकर हमने 3 इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी बनाई है जिसने पिछले 1 साल में अपने निवेशकों को 50 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. ये सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स हैं.
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पीएसयू फंडइस श्रेणी में सबसे अच्छा रिटर्न पीएसयू फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को मिला है. पिछले एक साल में पीएसयू थीम आधारित फंडों ने तकरीबन 65.18 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है. वहीं सीपीएसई ईटीएफ ने इस दौरान करीबन 74.02 फीसदी का रिटर्न दिया है. दूसरी ओर एबबीएसएल पीएसयू इक्विटी फंड ने सबसे कम, 58.16 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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फार्मा फंडइस सूची में दूसरे नंबर पर फार्मा आता है. फार्मा और हेल्थकेयर फंड ने भी पिछले एक साल में अपने निवेशकों को दमदार रिटर्न दिया है. इन इक्विटी फंडों ने साल भर में 57.23 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है. इसी अवधि में एचडीएफसी फार्मा और हेल्थकेयर फंड ने 65.26 फीसदी का दमदार रिटर्न दिया है.
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इंफ्रास्ट्रक्चर फंडइंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के आधार पर बनाए गए म्यूचुअल फंडों ने भी अच्छे रिटर्न देने वाले सूची में अपनी जगह बनाई है. इन फंड्स ने एक साल के दौरान तकरीबन 53 फीसदी तक का औसत रिटर्न दिया है. एलआईसी एमएफ इंफ्रा फंड ने तय अवधि में 69.35 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं टॉरस इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ने पिछले एक साल में सबसे कम 41.12 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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कर दें निवेश?कभी भी पिछले प्रदर्शन के आधार को देख कर निवेशक को निवेश नहीं करना चाहिए. किसी भी फंड से मिलने वाले रिटर्न को कई फैक्टर प्रभावित करते हैं. इसलिए कहीं भी निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें.
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जोखिम से भराबता दें कि उपयुक्त श्रेणियों को जोखिम वाले यानी रिस्की का तमगा दिया गया है. इसलिए इन फंडों में निवेश करने से पहले आपको इससे जुड़ी जानकारी होनी चाहिए. सभी फैक्टर को देख-समझ कर ही निवेश करें.
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नए निवेशक रहते हैं दूरम्यूचुअल फंड से जुड़े सलाहकार अकसर सेक्टोरल और थीमेटिक फंडों में निवेश नहीं करने की सलाह देते हैं. ये फंड्स बेहद जोखिम भरे होते हैं. ये फंड्स पूरी तरह से इन सेक्टर और थीम की एक्टिविटी पर निर्भर करते हैं.
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