इन टॉप 6 ELSS म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना हो सकता है फायदे का सौदा! रिटर्न है दमदार
टैक्स बचाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS आपके काम आ सकती है. ये उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो लॉन्ग टर्म का नजरिया रखते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे ही फंडों के बारे में बताएंगे जिन्होंने पांच साल में अच्छा रिटर्न दिया है.
Top 6 ELSS mutual Funds: अगर आप टैक्स बचाने के साथ ही अच्छा रिटर्न पाने की सोच रहे हैं, तो इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम आपके लिए कारगर साबित हो सकती है. ELSS को टैक्स बचत के लिए एक लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है. ऐसे में जनवरी 2025 में निवेश के लिए ये टॉप 6 ELSS म्यूचुअल फंड्स फायदेमंद साबित हो सकते हैं. इन फंड्स को उनके रोलिंग रिटर्न, निरंतरता, डाउनसाइड रिस्क और असेट साइज के आधार पर चुना गया है.
Quant ELSS Tax Saver Fund: क्वांट ELSS टैक्स सेवर फंड ने पिछले पांच वर्षों में 22.6% का रिटर्न दिया है. यह फंड अपनी स्थिरता और हाई रिटर्न के लिए जाना जाता है.
Canara Robeco ELSS Tax Saver Fund: कनारा रोबेको ELSS टैक्स सेवर फंड फरवरी 2009 में लॉन्च हुआ था. इस फंड ने पिछले पांच वर्षों में 15.8% का रिटर्न दिया है. यह फंड मध्यम जोखिम वाले निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है.
Mirae Asset ELSS Tax Saver Fund: मिराए एसेट ELSS टैक्स सेवर फंड दिसंबर 2015 में शुरू हुआ था. इसने पांच साल 18.3% का रिटर्न प्रदान किया है. इस फंड की खासियत उसकी कंसेस्टेंसी यानी निरंतरता है. इसमें मिड लेवल का जोखिम है.
Bank of India ELSS Tax Advantage: बैंक ऑफ इंडिया ELSS टैक्स एडवांटेज दिसंबर 2006 में लॉन्च हुआ था. यह फंड पिछले पांच वर्षों में 13.3% रिटर्न दे चुका है. यह फंड अपने स्थिर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है.
SBI Long Term Equity Fund: एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड जनवरी 2007 में शुरू किया गया था. इसने पांच साल में 15% का रिटर्न दिया है. यह फंड उन लोगों के लिए बेहतर है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.
Invesco India Tax Plan: इंवेस्को इंडिया टैक्स प्लान फंड ने पिछले पांच वर्षों में 17% का रिटर्न दिया है. इसकी विशेषता बैलेंस निवेश रणनीति है.
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3 साल का होता है लॉक इन पीरियड
ELSS में निवेश की सोच रहे हैं तो इसका लॉक इन पीरियड भी जान लीजिए. इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. ये दूसरे टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स की तुलना में कम है, जैसे कि PPF, जिसमें 15 वर्षों का लॉक इन पीरियड होता है. इसके अलावा ELSS फंड में इक्विटी निवेश के कारण थोड़ा जोखिम रहता है, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि निवेशक की जोखिम लेने की क्षमता कितनी है, उसी आधार पर निवेंश करें. इसके अलावा निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में वैरायटी रखने के लिए अलग-अलग फंडों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए.
डिसक्लेमर– Money9live आपको किसी शेयर या म्यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां सिर्फ जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें.