IPL में 1.10 करोड़ में बिके 13 साल के वैभव के हाथ आएगी बस इतनी रकम, एक्सपर्ट ने बताई वजह

IPL के लिए राजस्थान रॉयल्स ने वैभव सूर्यवंशी को 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा है. महज 13 वर्ष के वैभव की उम्र के साथ ही इस बात की भी चर्चा है कि एक माइनर के तौर पर उन्हें मिली इस रकम पर टैक्स का क्या हिसाब किताब बनेगा. इसके अलावा उनके हाथ में फिलहाल कितनी रकम आने वाली है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इन सवालों के जवाब.

1.10 करोड में बिके वैभव को अच्छा खासा टैक्स चुकाना होगा. Image Credit: Money9

IPL Auction में इस बार कई कीर्तिमान बने हैं. फिलहाल, सबसे ज्यादा चर्चा 13 साल के वैभव सूर्यवंशी की हो रही है. वैभव आईपीएल में किसी भी टीम की तरफ से खरीदा गया सबसे कम उम्र का खिलाड़ी है. राजस्थान रॉयल्स ने उसे 30 लाख रुपये के बेस प्राइस से करीब 4 गुना ज्यादा कीमत पर यानी 1.10 करोड़ रुपये में खरीदा है.

क्या टैक्स देना होगा?

वैभव के ऑक्शन के बाद सबसे पहला सवाल यही दिमाग में आता है कि क्या एक माइनर के तौर पर उसे टैक्स देना पड़ेगा या नहीं. टैक्स कंसल्टेंट बलराज जैन बताते हैं कि वैभव के मामले में टैक्स लगेगा, क्योंकि यह उसकी एक्टिव इनकम है.

माइनर्स पर टैक्स के नियम

18 वर्ष से कम उम्र के भारतीय नागरिकों पर टैक्स के वही नियम लागू होते हैं, तो किसी वयस्क भारतीय पर होते हैं. हालांकि, इसमें एक्टिव और पैसिव इनकम का फर्क रहता है. इसे अर्न्ड और अनअर्न्ड इनकम भी कहा जाता है. एक्टिव या अर्न्ड इनकम का मतलब है, जब माइनर अपने प्रयास से पैसा कमाता है, तो उसे वयस्कों की तरह कर चुकाना होता है. वहीं, जब कोई आय बिना प्रयास के होती है, तो उस आय पर माता-पिता या अभिभावक की आय के साथ जोड़ दिया जाता है.

वैभव पर कौनसा टैक्स स्लैब लगेगा

बलराज जैन बताते हैं कि माइनर्स पर भी किसी भी आम वयस्क भारतीय की तरह टैक्स स्लैब लागू होते हैं. वैभव सीधे तौर पर 30% टैक्स स्लैब में आएगा. मोटे तौर पर वैभव को 1.10 करोड़ की आय पर 30 फीसदी की दर से कर चुकाना होगा. हालांकि, टैक्सेबल इनकम इस बात पर निर्भर करती है कि वैभव की मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसके अलावा और भी कोई आय रही है या नहीं. इसके अलावा वह किस तरह से टैक्स छूट के दावे करता है.

वैभव को चुकानी होगा इतना टैक्स

अगर आयकर नियमों के हिसाब से वैभव को IPL Auction से मिले पूरे 1.10 करोड़ रुपये को टैक्सेबल अमाउंट मान लिया जाए. इसके साथ ही यह भी मान लिया जाए कि वह इसमें किसी तरह की छूट का दावा नहीं करेगा, तो उसे 30 फीसदी के टैक्स स्लैब में आयकर अधिनियम की धारा 87ए में मिली रिबेट के बाद 31,12,500 का टैक्स चुकाना होगा. इसके साथ ही टैक्स की इस रकम पर 15 फीसदी की दर से सरचार्ज लगाया जाएगा. यह सरचार्ज करीब 4,66,875 रुपये होगा. इसके बाद टैक्स की रकम पर 4.6 फीसदी की दर से हेल्थ और एजुकेशन सेस लगाया जाएगा. इस तरह कुल टैक्स देनदारी 37,22,550 रुपये होगी.

खाते में आएगी इतनी रकम

टैक्स स्लैब, सरचार्ज और सैस के साथ वैभव को कुल 37,22,550 रुपये टैक्स चुकाना होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसके हिसाब से वैभव के खाते में 72,77,450 रुपये आएंगे? इसका जवाब है नहीं. असल में फिलहाल वैभव के खाते में 1.10 करोड़ रुपये की रकम पर टीडीएस यानी स्रोत पर कर के बाद जो भी रकम होगी वह मिलेगी. आयकर अधिनियम की धारा 194आर के तहत वैभाव को 10 फीसदी टीडीएस कटने के बाद करीब 99 लाख रुपये मिलेंगे.

कब तक चुकाना होगा टैक्स

मौजूदा नियमों के तहत अगर आय पर कर की देनदारी बनती है, तो साल में 4 बार एडवांस टैक्स भरना होता है. फिलहाल, वैभव दो किस्तों में कर की कुल रकमा जमा करा सकता है. पहली किस्त 15 दिसंबर तक चुकानी होगी. इसके बाद अगली किस्त 15 मार्च तक चुकानी होगी.