30 हजार से अधिक टैक्सपेयर्स की विदेशों में है 29,200 करोड़ की संपत्ति, इनकम टैक्स विभाग का खुलासा
Income Tax: दिसंबर 2024 में इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स से 31 दिसंबर, 2024 तक वॉलियंटरी किसी भी पूर्व अघोषित विदेशी संपत्ति या इनकम का खुलासा करने का आग्रह किया था. इसमें कहा गया था कि ऐसा न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या जेल भी हो सकती है.

Income Tax: इनकम टैक्स के अधिकारियों ने पाया है कि 2024 में 30,161 टैक्सपेयर्स ने 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089.88 करोड़ रुपये की अतिरिक्त विदेशी आय घोषित की है. स्वैच्छिक विदेशी संपत्ति के खुलासे में
वृद्धि हुई है, जो एसेसमेंट ईयर (AY) 2021-22 में 60,000 से बढ़कर AY 2024-25 में 2,31,452 हो गई है. पिछले AY से 45.17 फीसदी की बढ़ोतरी को दर्शाता है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से बिजनेस टुडे ने लिखा कि सितंबर 2024 में भारत को CRS और FATCA समझौतों के जरिए 108 से अधिक देशों से वित्तीय जानकारी प्राप्त हुई. उसी वर्ष, सीबीडीटी ने SMS/ईमेल के जरिए 19,501 टैक्सपेयर्स तक पहुंच बनाई और 8,500 से अधिक प्रतिभागियों के साथ बातचीत करते हुए 30 आउटरीच सेशन आयोजित किए.
ITR का रिव्यू
2024 के दौरान 24,678 टैक्सपेयर्स ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की समीक्षा की, जिनमें से 5,483 ने बिलेटेड रिटर्न दाखिल किया और 6,734 ने अपनी विदेशी संपत्ति घोषित करने के लिए अपने रेसिडेंशियल स्टेटस को अपडेट किया. दिसंबर 2024 में इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स से 31 दिसंबर, 2024 तक वॉलियंटरी किसी भी पूर्व अघोषित विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा करने का आग्रह किया. विभाग ने कहा कि ऐसा न करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या कुछ मामलों में का जेल जैसे गंभीर परिणाम भुगतने करने पड़ सकते हैं.
इंटरनेशनल फ्रेमवर्क के तहत जानकारी का आदान प्रदान
इनकम टैक्स विभाग ने बताया कि भारत अपने निवासियों के विदेशी अधिकार क्षेत्रों में रखे वित्तीय खातों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करता है, जिससे विदेशों में पैसा नहीं छिपाया जा सकता है. इसके अलावा, आयकर विभाग ने कहा कि विदेशी संपत्ति या इनकम वाले भारतीय व्यक्तियों से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान भारत और अन्य देशों को शामिल करते हुए एक इंटरनेशनल फ्रेमवर्क के तहत किया जाता है. सूचनाओं के इस आदान-प्रदान को कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) और विदेशी खाता टैक्स अनुपालन अधिनियम (FATCA) के माध्यम से आसान बनाया जाता है.
विदेशी संपत्ति के बारे जानकारी देना जरूरी
आयकर विभाग ने पहले कहा था कि CRS आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की एक पहल है, जिसके तहत वित्तीय संस्थानों को विदेशी निवासियों द्वारा रखे गए वित्तीय खातों के बारे में अपने संबंधित टैक्स अधिकार क्षेत्रों को रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है. इसके बाद इस जानकारी का आदान-प्रदान सालाना अन्य अधिकार क्षेत्रों के साथ किया जाता है. इसी तरह अमेरिका द्वारा अधिनियमित FATCA, विदेशी वित्तीय संस्थानों को अमेरिकी टैक्सपेयर्स द्वारा रखे गए अकाउंट्स की रिपोर्ट IRS को देने के लिए बाध्य करता है.
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