Bitcoin से जुड़े 5 सबसे बड़े मिथक, जो हर Crypto Investor के लिए जानना है जरूरी
Cryptocurrency की दुनिया में Bitcoin की बादशाहत निर्विवाद है. हर दिन बिटकॉइन से जुड़ी दर्जनों खबरें सामने आती हैं. लेकिन, इन खबरों के बीच में कई बार भ्रामक जानकारियां भी फैलती हैं. यहां, दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लोगों के मन में मौजूद कुछ सबसे बड़े मिथकों के जवाब दिए गए हैं.
Bitcoin को लेकर जितनी ज्यादा खबरें दिनभर में सामने आती हैं, उतने ही मिथक और गलत धारणाएं भी फैलती हैं. मिसाल के तौर पर आम धारणा यह है कि बिटकॉइन का मूल्य किसी चीज पर आधारित नहीं है. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि इसका वास्तविक दुनिया में कोई उपयोग नहीं हो सकता. बहरहाल, यहां हम यहां दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ऐसे ही 5 मिथकों की सच्चाई बता रहे हैं.
कभी भी फट सकता है Bitcoin Bubble?
यह सच है कि बहुत से लोग जल्दी और ज्यादा रिटर्न की चाहत में अटकलबाजी में बिटकॉइन खरीदते हैं. लेकिन, इसका यह मतलब नहीं है कि बिटकॉइन किसी बुलबुले की तरफ फट जाएगा. असल में किसी भी ऐसेट में बबल ऐसे ग्रोथ साइकल को कहा जाता है, जिसमें एसेट्स की कीमत उसकी मूल या वास्तविक कीमत से बहुत ज्यादा हो जाती है. जब निवेशकों को यह पता चलता है, तो ऐसे एसेट्स की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव आता है और आखिर में यह बबल फट जाता है. शुरुआती दौर में बिटकॉइन की तुलना 17वीं सदी के डच ट्यूलिप मैनिया से की जाती थी, जब 1637 में सट्टेबाजों ने ट्यूलिप की कुछ किस्मों की कीमतों में 26 गुना वृद्धि कर दी थी. यह बुलबुला छह महीने तक चला, फिर फूट गया.
बिटकॉइन बबल साइकल में नहीं?
Bitcoin फिलहाल किसी बबल साइकल में नहीं है, क्योंकि इसकी कीमतें पिछले 12 साल के लंबे दौर में अलग-अलग लेवल पर कंसोलिडेशन के साथ मौजूदा स्तर पर पहुंची हैं. 12 साल की अवधि में Bitcoin के दाम में कई बड़े उतार-चढ़ाव आए हैं. बिटकॉइन का उतार-चढ़ाव किसी भी नई टेक्नोलॉजी पर आधारित स्टॉक की तरह बूम और बस्ट साइकल से गुजर रहा है. विशेषज्ञों के मुताबिक बिटकॉइन का ऑसिलेशन पैटर्न किसी नए शेयर बाजार से मिलता जुलता है.
Bitcoin की कोई असल कीमत नहीं
Bitcoin के आलोचकों का दावा है कि बिटकॉइन की वास्तविक दुनिया में कोई कीमत नहीं है. इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया जाता है कि इसका ज्यादातर उपयोग अवैध गतिविधियों में किया जाता है. इन दोनों दावों को सच नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि बिटकॉइन एक पेमेंट मैथड के तौर पर एक दशक से ज्यादा पुराना हो चुका है. इसका इस्तेमाल प्रमुख संस्थागत निवेशकों की तरफ से इन्फ्लेशन से बचने के लिए किया जा रहा है. मिसाल के तौर पर कई बड़े फंड और लिस्टेड कंपनियों की तरफ से बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा रही है. पिछले दिनों Tesla, Square और MicroStrategy ने अरबों डॉलर के बिटकॉइन की ट्रेडिंग की है. इन कंपनियों ने बिटकॉइन को अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के एक साधन के तौर पर शामिल किया है.
बड़ी कंपनियों क्यों कर रहीं बिटकॉइन में निवेश?
टेस्ला और स्क्वायर जैसी कंपनियों की तरफ से वोलैटिलिटी के बावजूद अरबों डॉलर के बिटकॉइन खरीदे हैं. अगर प्राइस स्टेबिलिटी क लिहाज से देखें, तो गोल्ड को सबसे अच्छा ऐसेट माना जाता है. लेकिन, बिटकॉइन वोलैटिलिटी के साथ हाई रिटर्न के अवसर देता है. इसके अलावा बिटकॉइन बिना किसी बैंक के हस्तक्षेप एसेट ट्रांसफर को आसान बना देता है.
अवैध गतिविधियों में होता है इस्तेमाल?
Bitcoin को लेकर एक बड़ा मिथक यह है कि इसका इस्तेमाल अवैध और गैर-कानूनी गतिविधियों में होता है. बहरहाल, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि बिटकॉइन का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में होता है. लेकिन, यह बिटकॉइन की खामी नहीं है. असल में किसी भी करेंसी का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो सकता है. दुनिया की कोई भी करेंसी ऐसी नहीं है, जिसका इस्तेमाल अवैध और गैर-कानूनी गतिविधियों में नहीं हो रहा है. इसके अलावा, अपराधियों से जैसे बैंक नोट और दूसरी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है, उसी तरह बिटकॉइन को भी जब्त किया जा सकता है. इस तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत अपराध पर रोकथाम में बिटकॉइन बाधक नहीं है.