आपका बैंक डूबेगा या बचेगा, इन तरीकों से घर बैठे जानें
भारत में कई बैंक हाल के वर्षों में संकट का सामना कर चुके हैं. हाल में YES Bank के ऊपर फटे संकट के बादल ने सभी को सचेत कर दिया है. ऐसे में ग्राहक जानें कि कुछ संकेत बैंक की सेहत की पोल खोल सकते हैं.

भारत में बैंकिंग सेक्टर की स्थिती कुछ वक्त से डमाडोल चल रही है. कई बैंक अपनी कमजोरियों के चलते गिर चुके हैं जिससे ग्राहकों और निवेशकों के बीच हड़कंप मच गया. हाल ही में Yes बैंक का संकट इस कड़ी में सबसे ताजा मामला है. यह घटना ग्राहकों के लिए एक बार फिर चेतावनी है कि वे अपनी पूरी जमापूंजी एक ही जगह न रखें और जिस बैंक में पैसा जमा कर रहे हैं उसकी गतिविधियों और परफॉर्मेंस पर नजर बनाए रखें.
हालांकि, जब कोई बैंक विफल होता है तो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ग्राहकों को बचाने के लिए कदम उठाता है. फिर भी अपने पैसे की सुरक्षा के लिए ग्राहक कुछ संकेतों को पहचान कर यह जान सकते हैं कि उनका बैंक मुश्किल में है या नहीं. बैंक की कुछ बुनियादी परिचालन दरों और अनुपातों (ratios) पर ध्यान देकर आप उसकी वित्तीय स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं.
यहां आठ ऐसे जरूरी संकेत दिए गए हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है
- Non-Performing Assets
एनपीए का मतलब है कि बैंक ने जिन कर्जों को दिया है उनमें से कितने पैसे वापस आने की संभावना कम है. अगर तीन महीने तक किसी कर्ज पर ब्याज नहीं मिलता है तो वह NPA बन जाता है.
क्या संकेत देता है: बहुत अधिक ग्रॉस एनपीए का मतलब है कि बैंक की संपत्ति की क्वालिटी खराब है.
- NET NPA
बैंक कुछ खराब कर्जों के लिए पहले से ही प्रावधान कर लेते हैं. नेट एनपीए उन कर्जों का हिस्सा है, जिसके लिए अभी तक प्रावधान नहीं किया गया है.
क्या संकेत देता है: नेट एनपीए बैंक की सेहत का ज्यादा सटीक संकेतक है.
- Provisioning Coverage Ratio
बैंक अपने खराब कर्जों के लिए मुनाफे का एक हिस्सा अलग रखते हैं जिसे प्रोविजनिंग कवरेज रेसियो कहते हैं.
क्या संकेत देता है: 70% से अधिक का प्रोविजनिंग रेसियो यह दर्शाता है कि बैंक ने अपनी अधिकांश संपत्ति संबंधी समस्याओं का समाधान कर लिया है.
- Capital Adequacy Ratio
कैपिटल एडिक्वेसी रेसियो बैंक की पूंजी और जोखिम वाली संपत्तियों और देनदारियों का अनुपात है.
क्या संकेत देता है: यह बैंक की वित्तीय संकट से निपटने की क्षमता को दिखाता है. इस मामले में हाई रेसियो बेहतर होता है.
- CASA रेसियो
CASA रेसियो बैंक की कुल जमा राशि में चालू खाता और बचत खाता जमा का अनुपात है.
क्या संकेत देता है: कम CASA रेसियो का मतलब है कि बैंक महंगी फंडिंग पर निर्भर है जो उसके मुनाफे को कम कर सकती है.
- Credit-Deposit Ratio
क्रेडिट-डिपॉजिट रेसियो दिखाता है कि बैंक ने अपनी जमा राशि का कितना हिस्सा कर्ज के रूप में दिया है.
क्या संकेत देता है: हाई क्रेडिट-डिपॉजिट रेसियो यह दर्शाता है कि बैंक की बैलेंस शीट पर दबाव है और आने वाले वक्त में पूंजी की कमी हो सकती है.
- Net Interest Margin
नेट इंटरेस्ट मार्जिन बैंक द्वारा कर्ज पर लिए गए ब्याज और जमा पर दिए गए ब्याज के बीच का अंतर है.
क्या संकेत देता है: हाई NIM का मतलब है कि बैंक की लागत कम है या उसका ब्याज दर अधिक है. कम NIM और हाई NPA खतरनाक संकेत हैं.
- Return on Assets
रिटर्न ऑन एसेट्स दर्शाता है कि बैंक की संपत्तियां कितनी लाभदायक हैं.
क्या संकेत देता है: कम RoA का मतलब है कि बैंक अपनी संपत्तियों का कुशलता से इस्तेमाल नहीं कर रहा है. नकारात्मक RoA का मतलब है कि बैंक की संपत्तियां नुकसान कर रही हैं.
ग्राहकों को सावधानी बरतने की जरूरत
इन संकेतकों को समय-समय पर जांचना जरूरी है ताकि आप यह तय कर सकें कि आपका बैंक सुरक्षित है या नहीं. याद रखें, अपनी बचत को एक ही जगह पर रखना जोखिम भरा हो सकता है. वित्तीय निर्णय लेने से पहले बैंक की सेहत पर गौर करें.
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