8वें वेतन आयोग में पे स्केल पर होंगे 3 बड़े बदलाव! लागू हुआ तो खत्म हो जाएंगे ये सैलरी स्ट्रक्चर
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) पर सुझाव मांगे हैं. इसपर JCM स्टाफ साइड ने सरकार को सुझाव दिया है कि लेवल 1-6 के पे स्केल का विलय कर दिया जाए और DA/DR को बेसिक वेतन में जोड़ा जाए. इसके अलावा अंतरिम राहत, पेंशन बहाली (OPS) और पेंशन वृद्धि की भी मांग की गई है.

Pay Scale Merger: नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) स्टाफ साइड ने सरकार से 8वें वेतन आयोग को लेकर के एक बड़ी मांग की है. अगर ये मांग सरकार मानती है तो मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर से कई स्ट्र्क्चर खत्म हो जाएंगे. दरअसल केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा के बाद, सभी मंत्रालयों से टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) पर सुझाव मांगे थे. अब JCM ने सरकार को अपने सुझाव सौंपे हैं, जिनमें लेवल 1 से 6 तक के पे स्केल को मर्ज करने (विलय) की मांग की गई है. इसके अलावा, भत्तों (Allowances) और अन्य लाभों में सुधार के सुझाव भी शामिल हैं. JCM ने सरकार से अनुरोध किया है कि ToR को अंतिम रूप देने से पहले एक स्थायी समिति की बैठक बुलाई जाए, ताकि कर्मचारियों की मांगों पर विस्तृत चर्चा हो सके.
प्रमुख टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR)
मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर :
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 18 वेतन स्तर (Pay Levels) होते हैं, जो लेवल 1 से लेकर लेवल 18 तक फैले हैं.
- 7वें वेतन आयोग के तहत:
- न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये (लेवल 1) और अधिकतम 2,50,000 रुपय (लेवल 18) तय किया गया था.
विलय का प्रस्ताव
लेवल 1 और लेवल 2 का विलय
- मौजूदा वेतन:
- लेवल 1: 18,000 रुपये
- लेवल 2: 19,900 रुपये
- संभावित वेतन वृद्धि:
- 2.86 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर नया वेतन लगभग 51,480 हो सकता है.
- लेवल 1 के कर्मचारियों को अधिक वेतन मिलेगा.
लेवल 3 और लेवल 4 का विलय
- संभावित नया वेतन:72,930 रुपये (फिटमेंट फैक्टर के अनुसार) लेवल 5 और लेवल 6 का विलय
- संभावित नया वेतन: 1,01,244 रुपये (फिटमेंट फैक्टर के अनुसार)
7वीं वेतन आयोग के दौरान किस ग्रेड पे की सैलरी कितनी हैे.
पे बैंड 1 | (5200 – 20200) | ||||
ग्रेड पे | 1800 | 1900 | 2000 | 2400 | 2800 |
वर्तमान इंट्री पे | 7000 | 7730 | 8460 | 9910 | 11360 |
रेशनलाइज एंट्री पे (2.57) | 7000*(2.57) =18000 | 7730*(2.57) =19900 | 8460*(2.57) =21700 | 9910*(2.57) =25500 | 11360*(2.57) =29200 |
DA/DR का विलय और अन्य प्रमुख मांगें
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को बेसिक वेतन में जोड़ना
- JCM स्टाफ साइड ने मांग की है कि DA और DR को बेसिक वेतन और पेंशन में मिलाया जाए, जिससे टेक-होम सैलरी बढ़े और महंगाई के असर को कम किया जा सके.
अंतरिम राहत (Interim Relief)
- JCM ने मांग की है कि 8वें वेतन आयोग के अंतिम निर्णय से पहले कर्मचारियों को आर्थिक सहायता दी जाए.
- इससे महंगाई के असर को कम करने में मदद मिलेगी और कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
रिटायरमेंट और पेंशन सुधार की मांगें
पेंशन बहाली की अवधि घटाने का प्रस्ताव
- वर्तमान में: पेंशन बहाली 15 साल में होती है.
- प्रस्ताव: इसे घटाकर 12 साल करने की मांग की गई है. पेंशन में बढ़ोतरी
- संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार हर 5 साल में पेंशन में वृद्धि की मांग की गई है.
रिटायरमेंट और पेंशन सुधार की मांगें
पेंशन बहाली की अवधि घटाने का प्रस्ताव
- वर्तमान में: पेंशन बहाली 15 साल में होती है.
- प्रस्ताव: इसे घटाकर 12 साल करने की मांग की गई है. पेंशन में बढ़ोतरी
- संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार हर 5 साल में पेंशन में वृद्धि की मांग की गई है.
पेंशन में बढ़ोतरी
- संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार हर 5 साल में पेंशन में वृद्धि की मांग की गई है.
पुराने और नए पेंशनर्स में समानता
- 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए लागू केंद्र सरकार की नई पेंशन स्कीम (NPS को हटाकर, पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने की मांग की गई है.
- इसके तहत केंद्रीय नागरिक सेवाएं (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) को फिर से लागू करने की सिफारिश की गई है.
JCM (नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी) क्या है?
- JCM एक सरकारी निकाय है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और अन्य नीतियों पर चर्चा करने के लिए गठित किया गया है.
- इसमें दो पक्ष होते हैं:
- स्टाफ साइड: कर्मचारियों के विभिन्न यूनियन और संघों के प्रतिनिधि
- ऑफिशियल साइड: विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी, कैबिनेट सचिव इसका नेतृत्व करते हैं.
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