8th Pay Commission Salary Calculator: किस वेतन आयोग में कितनी बढ़ी थी सैलरी, जानें पूरा हिसाब-किताब
8वें वेतन आयोग का गठन अगले साल तक होने की उम्मीद है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी. वेतन बढ़ोतरी का फॉर्मूला पुराने वेतन आयोग के फैसलों से समझा जा सकता है.

8th Pay Commission Salary Calculator: मोदी सरकार ने 8 वें वेतन आयोग का ऐलान कर दिया है. लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों को इस ऐलान का इंतजार था. सरकार ने कहा है कि 8 वें वेतन आयोग का गठन अगले साल तक कर लिया जाएगा. ऐसे में अब सभी केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी बढ़ने का इंतजार है. सैलरी में बढ़ोतरी का एक फॉर्मूला होता है, जिसके आधार पर वेतन बढ़ोतरी होती है. 8वें वेतन आयोग के जरिए कितनी सैलरी बढ़ेगी इसका अंदाजा पुराने वेतन आयोग के फैसलों से लगाया जा सकता है. तो आइए जानते हैं कि कब कितनी सैलरी बढ़ी थी.
कब कितनी बढ़ी सैलरी
6 वां वेतन आयोग और 7वीं वेतन आयोग में बदलाव ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार किया था. 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 लागू किया गया, जिसका मतलब है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का मूल वेतन 2.57 गुना बढ़ा. जबकि 6ठा वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिससे कर्मचारियों का वेतन 1.86 गुना बढ़ा था.
सातवां वेतन आयोग (2016 में लागू):
- न्यूनतम वेतन: ₹18,000 प्रति माह
- अधिकतम वेतन: ₹2.5 लाख प्रति माह (कैबिनेट सचिव के लिए)
- वेतन बैंड और ग्रेड पे: सरल वेतन मैट्रिक्स से बदल दिए गए
- फिटमेंट फैक्टर: 2.57 गुना मूल वेतन
- भत्ते: पुनः संरचित, HRA और अन्य भत्ते में बदलाव
- ग्रेच्युटी सीमा: ₹20 लाख, जिसे DA के आधार पर समय-समय पर बढ़ाया जाएगा
- पेंशन: ₹9,000 प्रति माह से प्रारंभ, महंगाई के आधार पर समायोजन
- महंगाई भत्ता (DA): जारी, नियमित अपडेट के साथ
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छठा वेतन आयोग (2006 में लागू):
- न्यूनतम वेतन: ₹7,000 प्रति माह
- अधिकतम वेतन: ₹80,000 प्रति माह (सचिव स्तर के लिए)
- वेतन बैंड और ग्रेड पे: बैंड और ग्रेड पे प्रणाली शुरू की गई
- फिटमेंट फैक्टर: लगभग 1.86 गुना मूल वेतन
- भत्ते: पुनः संरचित, HRA और अन्य भत्तों पर ध्यान केंद्रित
- ग्रेच्युटी सीमा: ₹10 लाख
- पेंशन: सेवानिवृत्ति के बाद अतिरिक्त पेंशन का विकल्प
- महंगाई भत्ता (DA): महंगाई सूचकांक के आधार पर पेश किया गया
5वां वेतन आयोग
5वां वेतन आयोग को अप्रैल 1994 में बनाया गया था, और इसकी सिफारिशों को जनवरी 1996 से लागू किया गया. इसमें न्यूनतम मूल वेतन: 2,750 रुपये था.
- वेतन स्केल को 51 से घटाकर 34 किया गया.
- सरकारी कर्मचारियों की संख्या में 30% की कमी.
- ग्रेच्युटी की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये की गई.
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