8वें वेतन आयोग में अगर लागू हो गया ये प्रस्ताव, फिर 100000 पार हो जाएगी ऐसे कर्मचारियों की सैलरी, जानें बड़ी बातें

8th Pay Commission: स्टाफ साइड ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के लिए संदर्भ की शर्तों (TOR) के लिए अपनी सिफारिशें पेश की हैं. सिफारिशों में से एक 1-6 पे लेवल के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए पे स्केल को मर्ज करना है.

8वें वेतन आयोग में हो सकता है ये बड़ा बदलाव. Image Credit: Getty image

8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होने वाले आठवें वेतन आयोग में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) स्टाफ साइड ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के लिए संदर्भ की शर्तों (TOR) के लिए अपनी सिफारिशें पेश की हैं. इसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए सैलरी स्ट्रक्चर, भत्ते और बेनिफिट्स में अहम बदलाव की वकालत की गई है. TOR के अहम प्वाइंट में सैलरी स्ट्रक्चर को व्यवस्थित करने और कैरियर प्रोग्रेस की असामान्य स्थितियों को दूर करने के लिए कुछ पे स्केल को मर्ज करने का प्रस्ताव है.

क्या है नेशनल काउंसिल?

JCM सिस्टम में नेशनल काउंसिल कर्मचारी पक्ष सरकार के साथ चर्चा में शामिल होते हैं. ये अलग-अलग कर्मचारी यूनियनों और एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करते हैं. जबकि नेशनल काउंसिल पक्ष विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सरकारी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है जो कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न मामलों पर कर्मचारी पक्ष के साथ जुड़ते हैं. राष्ट्रीय परिषद JCM का नेतृत्व केंद्रीय कैबिनेट सचिव करते हैं.

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पे स्केल को मर्ज करने का सुझाव

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, नेशनल काउंसिल JCM स्टाफ साइड के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने एक विस्तृत प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन प्रमुख एरिया पर फोकस किया गया है, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है. स्टाफ साइड की प्रमुख सिफारिशों में से एक 1-6 पे लेवल के तहत सरकारी कर्मचारियों के लिए पे स्केल को मर्ज करना है.

पे स्केल में 18 लेवल हैं, जो लेवल 1 से शुरू होकर स्तर 18 तक जाते हैं. 7वें वेतन आयोग के बाद, लेवल 1 पर न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था, जबकि स्तर 18 पर अधिकतम वेतन 2,50,000 रुपये प्रति माह तय किया गया था.

स्टाफ साइड प्रमुख सुझावों में से एक कम पे स्केल का मर्जर है. दलील यह है कि इन लेवल वाले कर्मचारियों को उचित मुआवजा और सुचारू कैरियर प्रगति सुनिश्चित हो सकेगी. लेवल 1 को लेवल 2 के साथ, लेवल 3 को लेवल 4 के साथ और लेवल 5 को लेवल 6 के साथ मर्जर करने का सुझाव दिया गया है.

एक लाख के पार हो जाएगी सैलरी

लेवल 1 के तहत आने वाले कर्मचारी को फिलहाल 18,000 रुपये प्रति महीने की बेसिक सैलरी मिलती है. जबकि लेवल 2 को 19,900 रुपये मिलते हैं. अगर इन दोनों लेवल को एक में मिला दिया जाता है, तो इससे लेवल 1 कर्मचारी को अधिक लाभ होगा, क्योंकि फिर एक नए पे स्ट्रक्चर की शुरुआत होगी. अगर हम 8वें वेतन आयोग के बाद सैलरी में बढ़ोतरी की गणना 2.86 तक के अनुमानित फिटमेंट फैक्टर के आधार पर करते हैं, तो रिवाइज्ड सैलरी 51,480 रुपये तक हो सकती है.

इसी तरह अगर लेवल 3 और लेवल 4 को मिला दिया जाता है, तो मर्ज किए गए सैलरी लेवल के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए रिवाइज्ड सैलरी 72,930 रुपये होगी. लेवल 5 और 6 के लिए 2.86 फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी 1,01, 244 रुपये तक जा सकती है. इस कदम का उद्देश्य वेतन वृद्धि में असमानताओं को खत्म करना. प्रस्ताव में इस बात पर फोकस किया गया है कि मर्जर से कर्मचारियों को लाभ होगा, क्योंकि इससे ठहराव कम होगा और समय के साथ बेहतर वित्तीय ग्रोथ सुनिश्चित होगी.

आगे क्या होगा?

कर्मचारी पक्ष ने सरकार से अनुरोध किया है कि 8वें वेतन आयोग के लिए संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने से पहले इन सिफारिशों पर चर्चा करने के लिए स्थायी समिति की बैठक आयोजित की जाए. अगर स्वीकार किया जाता है, तो ये बदलाव विभिन्न क्षेत्रों के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय राहत और संरचनात्मक सुधार ला सकते हैं.