8th Pay Commission: UPS के तहत न्यूनतम पेंशन में होगा बदलाव! जानें यूपीएस और NPS में बेसिक फर्क
8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के गठन के साथ अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम को भी लागू करने का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. फिलहाल केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मौजूदा न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये मिलती है. इसमें कितने बदलाव की संभावना है?
UPS in 8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के घठन की घोषणा के बाद अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS को लागू करने का फैसला भी ले लिया गया है. UPS को 1 अप्रैल 2025से लागू किया जाएगा. इसका मतलब UPS के तहत न्यूनतम पेंशन में बदलाव संभव है, लेकिन कितना और क्या बदलाव होगा. इसके अलावा यह भी जानेंगे, UPS और NPS में क्या अंतर है?
UPS के तहत न्यूनतम पेंशन में होगा बदलाव
फिलहाल यह स्थिति है कि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मौजूदा न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये मिलती है.
8वें वेतन आयोग के बाद संभावित बदलाव हो सकता है:
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर पेंशन में बढ़ोतरी हो सकती है. अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 से लेकर 2.86 तक होता है और अगर यह 2.86 तय किया जाता है, तो न्यूनतम पेंशन 9,000 से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होने पर पेंशन में करीब 186 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
पिछले वेतन आयोगों के आधार पर बात करें तो 8वें वेतन आयोग के तहत पेंशन में 20 फीसदी से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, वास्तविक बढ़ोतरी क्या होगी यह आयोग की सिफारिशों और बजट अलॉटमेंट के आधार पर तय होगा.
बता दें कि, 7वें वेतन आयोग के तहत 2.57 के फिटमेंट फैक्टर से इजाफा किया गया था और समान फिटमेंट फैक्टर के साथ पेंशन में 23 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ था.
क्या है UPS और NPS में बेसिक फर्क
- UPS केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही है जबकि NPS का फायदा प्राइवेट और सरकारी दोनों कर्मचारी को मिलता है.
- UPS में वेतन से 10 फीसदी बेसिक और डीए की कटौती होगी, लेकिन सरकार की तरफ से 18.5 प्रतिशत का योगदान किया जाएगा जबकि NPS में ये कटौती कर्मचारी के वेतन से होगी.
- UPS में रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त रकम मिलेगी लेकिन NPS में सरकारी प्रोविडेंड फंड की सुविधा नहीं है.
- UPS सुरक्षित योजना है. एनपीएस में योगदान पर रिटायरमेंट के वक्त 60% रकम एकमुश्त और बाकी बचा 40% एन्युटी के तौर पर दिया जाता है. NPS शेयर बाजार से लिंक योजना है.
- UPS में रिटायरमेंट में एक तय पेंशन दी जाएगी, जो 12 महीने के एवरेज बेसिक पे का 50% होगा जबकि NPS में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.
- UPS में महंगाई के हिसाब से पेंशन मिलेगी, इसे मंहगाई राहत (DR) से जोड़ा गया है जबकि NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.
- UPS में ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त राशि भी रिटायरमेंट पर मिलेगी, लेकिन NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थायी प्रावधान है.
- UPS में कर्मचारी की मौत हो जाने पर फैमिली पेंशन दिया जाएगा. NPS में भी फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन इसमें जमा रकम सरकार ले लेती है.
- UPS में ब्याज पर टैक्स लगेगा या नहीं अभी इस बारे में स्थिति साफ नहीं है, हालांकि NPS में रिटायरमेंट पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना होगा.
- UPS में 10 साल की नौकरी पर कम से कम 10 हजार रुपए बतौर पेंशन पा सकेंगे, जबकि NPS में ऐसा कोई नियम नहीं है.
- यूपीएस में मेडिकल सुविधाएं मिलेगी, जबकि NPS में इसका स्पष्ट प्रावधान नहीं है.
- सरकारी कर्मचारी अब UPS और NPS में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं, मगर जिन लोगों ने एक बार एनपीएस चुन लिया वे दोबारा यूपीएस में नहीं जा सकते हैं.