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मासिक प्रीमियम का विकल्प हेल्थ इंश्योरेंस को अब और सुलभ बना रहा है. खासतौर पर छोटे शहरों और युवाओं के लिए यह नया भुगतान मॉडल आकर्षक और किफायती साबित हो रहा है.
हेल्थ इंश्योरेंस को पहले फाइनेंशिल प्लानिंग में एक एक्सट्रा मेहनत के तौर पर देखा जाता था लेकिन बदलते समय के साथ खासकर कोविड काल के बाद लोग हेल्थ इंश्योरंस को लेकर ज्यादा सीरियस हो गए. इसे हर किसी के लिए जरूरी सेफ्टी नेट के रूप में देखा जा रहा है. बढ़ते स्वास्थ्य खर्च, बढ़ती जागरूकता और इस सेक्टर में हो रहे इनोवेशन के वजह से लोग अब इसे एक जरूरत मानने लगे हैं.
नतीजतन, कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस को और सुलभ बनाने के लिए नए विकल्प पेश कर रही हैं खासकर मासिक या तिमाही भुगतान के रूप में. इससे न केवल बड़ी राशि को एक बार में चुकाने की परेशानी कम हुई है बल्कि छोटे शहरों और युवा उपभोक्ताओं के बीच हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ी है.
मासिक प्रीमियम बना सुविधाजनक और किफायती विकल्प
पारंपरिक तौर पर हेल्थ इंश्योरेंस के लिए सालाना प्रीमियम चुकाना होता था, जो कि उच्च आय वाले परिवारों के लिए आसान था लेकिन मध्य और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए यह कठिनाई पैदा करता था. अब मासिक प्रीमियम विकल्प ने इस समस्या को हल कर दिया है.
मासिक प्रीमियम का विकल्प उन परिवारों के लिए बेहद कारगर है जो एक बार में बड़ी रकम चुकाने में सक्षम नहीं हैं. वे अब अपनी मासिक बजट में हेल्थ इंश्योरेंस को आसानी से शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा, इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा लागू किए गए नए नियम, जैसे कि उम्र की सीमा हटाना और मॉरिटोरियम पीरियड कम करना, हेल्थ इंश्योरेंस को और अधिक लचीला बना रहे हैं.
छोटे शहरों में बढ़ी मांग
मासिक भुगतान का विकल्प खासकर छोटे शहरों और कम आय वाले परिवारों में काफी लोकप्रिय हो रहा है. उदाहरण के तौर पर, 30 साल के व्यक्ति के लिए सालाना 12,000 रुपये का प्रीमियम चुकाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन 1,000 रुपये प्रति माह देना ज्यादा आसान है.
इसके अलावा, सरकारी योजनाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने भी मासिक भुगतान विकल्प को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है. बीमा कंपनियों और फिनटेक कंपनियों के बीच साझेदारी से प्रीमियम का भुगतान मोबाइल वॉलेट और यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यमों से करना आसान हो गया है.
युवाओं के बीच भी बढ़ा आकर्षण
मासिक प्रीमियम का विकल्प डिजिटल रूप से जागरूक और युवा उपभोक्ताओं को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. आज की युवा पीढ़ी, जैसे मिलेनियल्स और जेन ज़ी, छोटे वित्तीय कमिटमेंट को प्राथमिकता देती है. उनके लिए यह पेमेंट मॉडल उनकी वित्तीय योजनाओं के हिसाब से ज्यादा सुविधाजनक है.
मासिक प्रीमियम की बढ़ती लोकप्रियता न केवल बीमा कंपनियों के ग्राहकों की संख्या बढ़ा रही है, बल्कि यह उपभोक्ताओं को वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा का विकल्प भी दे रही है.