SIP का कमाल, महज 15 हजार से बनाए 41 करोड़ रुपए का कॉर्पस…समझे पूरा गणित

बाजार के उतार-चढ़ाव से अक्सर लोग परेशान हो जाते है. एक अनुभवी निवेशक यह जानते है कि शेयर बाजार से पैसा धैर्य और लगातार निवेश से बनती है. इसे आप ऐसे समझ सकते है कि एक छोटा सा बीज समय के साथ एक विशाल पेड़ बन जाता है. ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में चक्रवृद्धि ब्याज काम करता है.

महज 15 हजार से बनाए 41 करोड़ रुपए का कॉर्पस Image Credit: freepik

बाजार के उतार-चढ़ाव से अक्सर लोग परेशान हो जाते है. लेकिन बाजार का यह दस्तूर है कि इसमें उठापटक होती रहेगी. ऐसे में आपको एक अनुभवी निवेशक के तौर पर बिहेव करना चाहिए. एक अनुभवी निवेशक यह जानते है कि शेयर बाजार से पैसा धैर्य और लगातार निवेश से बनती है. इसे आप ऐसे समझ सकते है कि एक छोटा सा बीज समय के साथ एक विशाल पेड़ बन जाता है. ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में चक्रवृद्धि ब्याज काम करता है.

बाजार में भारी गिरावट देखने को मिला है

यह सच है कि हाल ही में बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में अगर आप लगातार SIP के जरिए निवेश करते हैं तो भले ही 500 रुपए जैसे छोटे-छोटे निवेश हों. यह लंबे समय में एक बहुत ही बड़ा फंड बन जाता है. ऐसे में अगर आप जल्दी रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं तो हम यह बताएंगे कि जल्द SIP शुरू करने से आप बहुत अच्छा पैसा जमा कर सकते हैं.

ये गणित समझे

मान लीजिए आप 15,000 रुपए की मासिक SIP 25 साल की उम्र से शुरू करते है. उसपर अगले 35 सालों में हर साल 15 फीसदी का रिटर्न मिलता है. और अगर आप हर साल अपनी SIP में 10 फीसदी का बढ़ोतरी करते हैं तो 35 सालों के बाद यानी 60 साल की उम्र तक SIP 41 करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है.

  • मंथली निवेश- 15000 रु
  • सालाना बढ़ोतरी-10 फीसदी
  • टोटल अवधि-35 साल
  • कुल फंड-41 करोड़

एक्सपर्ट के मुताबिक म्यूचुअल फंड में निवेश अक्सर अनुभवी निवेशक तब करते हैं जब बाजार में गिरावट आ जाती है. अगर स्टॉक मार्केट में गिरावट हो तो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एकमुश्त निवेश करना अच्छा होता है. इससे उन्हें कम NAV पर यूनिट्स मिलती हैं और जब बाजार वापस ऊपर आता है तो इसका फायदा होता है.

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना

पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी व्यक्ति को 60 साल की उम्र में रिटायर होना है तो उसे सालाना 10 फीसदी की SIP बढ़ोतरी का चयन करना चाहिए. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबी अवधि के निवेश के लिए सबसे अच्छे होते हैं. टैक्स की नजरिए से ELSS (धारा 80C) म्यूचुअल फंड्स भी बेहतर होते हैं. शुरुआत जल्दी करें और समय के साथ निवेश करते रहें. निवेश के पोर्टफोलियो में डाइवर्सिफिकेशन भी महत्वपूर्ण है.