अगर आपके अंदर हैं ये 8 गुण तो आप दूसरों से ज्यादा हो सकते हैं सफल; जानें टॉप पर्सनालिटी का ये फॉर्मूला
कुछ लोग इंट्रोवर्ट होते हैं तो कुछ एक्सट्रोवर्ट. लेकिन एक ऐसा व्यक्तित्व भी है जो दोनों का संतुलन बनाए रखता है और चुपचाप सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचता है. जानिए इस अनदेखी पर्सनालिटी के राज, जो इसे सबसे अलग और सफल बनाते हैं.
जब बात व्यक्तित्व की होती है तो आमतौर पर लोग दो कैटेगरी में बंटे नजर आते हैं- इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट. लेकिन एक तीसरी कैटेगरी भी है जिसे अक्सर नज़रअंदाज कर दिया जाता है, वो हैं ‘एंबिवर्ट’. यह वे लोग होते हैं जो इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट दोनों प्रवृत्तियों को संतुलित रूप से अपनाते हैं. वे न केवल गहराई से सोचने और आत्ममंथन करने में सक्षम होते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर प्रभावी रूप से सामाजिक और प्रोफेशनल बातचीत करने में माहिर होते हैं. यही वजह है कि एंबिवर्ट लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा सफल साबित होते हैं. आइए जानते हैं कि एंबिवर्ट व्यक्तित्व की खासियतें क्या हैं और कैसे यह लोग अपनी इन क्षमताओं का सही इस्तेमाल करके सफलता हासिल करते हैं.
क्या आप एंबिवर्ट हैं?
नीचे दिए गए ट्रेट अगर आपके व्यक्तित्व से मेल खाते हैं तो आप एंबिवर्ट हो सकते हैं. ये वो खासियत हैं जो आपको इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट से ज्यादा सफल और अंडररेटेज बनाते हैं.
- सोच-समझकर सामाजिक मेलजोल चुनते हैं
एंबिवर्ट लोग हर सामाजिक अवसर में आपको नहीं दिखेंगे न ही वह हर जगह से गायब होते हैं. वे उन जगहों औपर आयोजनों में ही जाते हैं जो उनके टारगेट, वैल्यू और ऊर्जा स्तर के अनुरूप होते हैं. यही वजह है कि जब वे किसी से मिलते हैं, तो पूरी तरह से मौजूद रहते हैं और अपने संवाद से गहरी छाप छोड़ते हैं.
- अकेले समय को अपनी ताकत बनाते हैं
अधिकतर लोग अकेले समय को खुब सारे नींद और फोन टाइम का वक्त के तौर पर देखते हैं लेकिन एंबिवर्ट इसे आत्म मंथन और योजना बनाने के अवसर के रूप में अपनाते हैं. वे अपने दिन के अनुभवों को आत्मसात करने के लिए समय निकालते हैं और नया नजरिया विकसित करते हैं. इस तरह वे अपनी सोच को तराशकर और ज्यादा स्पष्टता के साथ आगे बढ़ते हैं.
- इंट्रोवर्ट और एक्सट्रोवर्ट दोनों की भाषा समझते हैं
एंबिवर्ट लोग बेहद अनुकूलनशील होते हैं. वे यह समझने में माहिर होते हैं कि सामने वाला व्यक्ति किस तरह की बातचीत में सहज महसूस करता है. वे जहां जरूरत होती है, वहां गहरे और सार्थक संवाद कर सकते हैं और जहां माहौल हल्का रखना हो वहां सहज रूप से बातचीत में फ्लो बनाए रख सकते हैं.
- नेतृत्व करने और पीछे हटने की समझ रखते हैं
एंबिवर्ट जानते हैं कि कब उन्हें नेतृत्व करना है और कब दूसरों को आगे बढ़ने का मौका देना है. वे टीम वर्क को अच्छी तरह समझते हैं और अपनी भूमिका को परिस्थिति के अनुसार समायोजित करने में सक्षम होते हैं. वे ध्यान आकर्षित करने से लेकर बैकग्राउंड में रहकर चीजों को बेहतर ढंग से संचालित करने तक हर स्थिति में सहजता से खुद को ढाल सकते हैं.
- संवाद के पीछे उद्देश्य होता है
जहां एक्सट्रोवर्ट बेवजह बोलते हैं और इंट्रोवर्ट अक्सर चुप रहते हैं, वहीं एंबिवर्ट इस संतुलन को बखूबी साधते हैं. वे तब बोलते हैं जब बात करने की जरूरत हो और तब सुनते हैं जब चुप रहना ज्यादा फायदेमंद हो. उनका हर संवाद किसी उद्देश्य से जुड़ा होता है और इस वजह से उनकी बातों का प्रभाव भी गहरा होता है.
- सही समय पर सही कदम उठाते हैं
एंबिवर्ट लोगों में स्थितियों और व्यक्तियों को पढ़ने की अद्भुत क्षमता होती है. वे जानते हैं कि कौन महत्वपूर्ण है, कौन चर्चा में कम रुचि ले रहा है और कहां अवसर मौजूद हैं. इस सूक्ष्म समझ के चलते वे हमेशा सही समय पर कदम उठाने में सक्षम होते हैं.
- उबाऊ बातचीत को भी अवसर में बदलते हैं
जहां अन्य लोग उबाऊ बैठकों या औपचारिक बातचीत में दिलचस्पी खो देते हैं, वहीं एंबिवर्ट लोग इसमें भी अवसर तलाशते हैं. वे यह देखते हैं कि कौन-से लोग उनके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं और बातचीत को किस दिशा में मोड़ा जा सकता है. इस रणनीति से वे हर परिस्थिति को अपने विकास के लिए इस्तेमाल करते हैं.
- समस्याओं का संतुलित समाधान निकालते हैं
एंबिवर्ट लोग न केवल तार्किक होते हैं बल्कि भावनात्मक रूप से भी संवेदनशील होते हैं. यही वजह है कि वे किसी भी समस्या का ऐसा समाधान निकालते हैं जो सभी के लिए उपयुक्त हो. उनकी यह गहरी समझ उन्हें एक बेहतरीन मेडिएटर और प्रभावी फैसला लेने वाला बनाती है.