बैंकों ने दिल खोलकर दिया कर्ज, पर्सनल और होम लोन रहे सबसे आगे; एग्रीकल्चर को मिले इतने करोड़

भारत में बैंकों ने पिछले 11 महीनों में 15.3 लाख करोड़ रुपये के नए लोन दिए हैं. सबसे अधिक कर्ज पर्सनल और होम लोन के लिए मंजूर किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग गाड़ियों और घरों में तेजी से निवेश कर रहे हैं. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में लोन में गिरावट भी दर्ज की गई है. वहीं, बिजनेस सेक्टर को इस दौरान उम्मीद से कम लोन मिला है. दूसरी ओर, कृषि सेक्टर पर बैंकों का भरोसा बरकरार है और इसमें लोन की मांग बढ़ी है.

बैंक लोन Image Credit: money9live.com

Bank Loan: भारत में लोन लेने की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी देखी जा रही है, और लोग बड़े पैमाने पर बैंकों से कर्ज ले रहे हैं. इस वित्तीय वर्ष के पहले 11 महीनों में बैंकों ने 15.3 लाख करोड़ रुपये के नए लोन मंजूर किए हैं. इसके साथ ही बैंकों का कुल कर्ज बढ़कर 175.56 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की तुलना में 9.3 फीसदी अधिक है.

इन तरह के लोन की बढ़ी मांग

सबसे अधिक मांग पर्सनल लोन की रही है, जिसमें कार लोन, एजुकेशन लोन और क्रेडिट कार्ड लोन शामिल हैं. होम लोन में भी तेजी देखने को मिली है, जो नए लोन का 17 फीसदी हिस्सा है. दूसरी ओर, औद्योगिक क्षेत्र को अपेक्षाकृत कम कर्ज मिला है, जिसकी हिस्सेदारी घटकर 14.5 फीसदी रह गई है.

5.47 लाख करोड़ रुपये का पर्सनल लोन

इस साल बैंकों द्वारा दिए गए 15.3 लाख करोड़ रुपये के नए लोन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी पर्सनल लोन की रही, जो 5.47 लाख करोड़ रुपये है. इसके बाद सर्विस सेक्टर को 4.64 लाख करोड़ रुपये का लोन मिला. वहीं, औद्योगिक सेक्टर को सबसे कम 2.22 लाख करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत हुआ.

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एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए 1.93 लाख करोड़ रुपये का लोन

कृषि क्षेत्र में भी लोन की मांग बढ़ी है. बैंकों ने किसानों को 1.93 लाख करोड़ रुपये का नया कर्ज दिया, जो इस साल दिए गए कुल लोन का 12.59 फीसदी है. यह दिखाता है कि कृषि क्षेत्र में बैंकों की रुचि बनी हुई है. इसके उल्टा, बड़ी फैक्ट्रियों और कंपनियों को केवल 1.15 लाख करोड़ रुपये का नया कर्ज मिला, जो कृषि क्षेत्र की तुलना में काफी कम है.

इन क्षेत्रों में आई कमी

कुछ क्षेत्रों में लोन देने में गिरावट भी दर्ज की गई है. हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को दिए गए कर्ज़ में 1,051 करोड़ रुपये की कमी आई, जबकि सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों को 9,369 करोड़ रुपये कम कर्ज मिला.

इन क्षेत्रों में हुई बढ़ोतरी

कुछ क्षेत्रों में लोन की मांग बढ़ी है. उदाहरण के लिए, गोल्ड लोन में 88,636 करोड़ रुपये (5.78 फीसदी की बढ़ोतरी) की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग सोना गिरवी रखकर अधिक पैसा उधार ले रहे हैं. इसके अलावा, कार लोन में 46,384 करोड़ रुपये (3.02 फीसदी की बढ़ोतरी) की बढ़ोतरी देखी गई.