फसल की नहीं मिली सही कीमत? सरकार देगी मुआवजा, जानें पूरी योजना
क्या आप जानते हैं कि सरकार अब किसानों को सीधे बैंक में राशि भेजेगी. जानें इस नई योजना के बारे में और कैसे आप इसका पूरा फायदा उठा सकते हैं...
भारत कृषि प्रधान देश हैं ऐसे में सरकार किसानों को संतुष्ट रखने के लिए समय समय पर तमाम योजनाएं लॉन्च करती रहती है. अक्सर क्लाइमेट चेंज और नेचुरल कैलेमिटी के चलते किसानों को अपने फसल की सही कीमत बाजार में नहीं मिल पाती है. इसके चलते किसानों में फसल के उपज को लेकर डर रहता है. नतीजतन, सरकार फसल उपयुक्त मात्रा में ना प्रोड्यूस होने की संभावना से डरती है. ऐसे दिक्कतों से बचने के लिए राज्य सरकार ने भावांतर भुगतान योजना की शुरुआत की है.
क्या है भावांतर भुगतान योजना?
ऐसे में किसानों को भयमुक्त फसल की उपज के लिए प्रोत्साहित करने के लिए और उपज के कमी से बचने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर भुगतान योजना की शुरुआत की है.यह योजना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर उनकी फसल का सही दाम देने और उन्हें आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए लॉन्च की गई है.
इस योजना के तहत राज्य के किसानों से खरीफ, रबी और मोटे अनाज की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाती है. इसके बाद, सरकार किसानों के बैंक खातों में राशि जमा करती है ताकि उन्हें फसल का उचित मूल्य मिल सके.
कैसे मिलेगा लाभ?
किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए अपनी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति में पंजीयन कराना होगा. यह वे समितिया हैं जो गेहूं और धान का ई-उपार्जन करती हैं. पंजीयन के बाद किसान अपनी फसल को राज्य की अधिसूचित कृषि उपज मंडियों में बेच सकते हैं. जब किसान अपनी फसल मंडी में बेचते हैं तो सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य और मंडी में बिकने वाली फसल की दर के बीच के अंतर की राशि किसान के बैंक खाते में जमा करती है.
कौन-कौन सी फसलें शामिल हैं?
शुरुआत में यह योजना खरीफ फसलों के लिए लागू की गई थी, लेकिन बाद में इसे रबी और मोटे अनाज की फसलों के लिए भी लागू किया गया. योजना के तहत पंजीकृत किसानों की फसलों का उत्पादन और उनकी बिक्री ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज की जाती है. पार्टल पर दर्ज यह जानकारी राजस्व विभाग को भेजी जाती है. इस प्रक्रिया के बाद अधिकारी इस बात का सत्यापन करता है कि किसान ने कितनी भूमि पर कौन-सी फसल बोई है.
कैसे करें अप्लाई?
भावांतर भुगतान योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने चाहिए:
- ई-उपार्जन का पंजीयन
- आधार कार्ड की प्रति
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता
पंजीयन के लिए किसान को http://mpeuparjan.nic.in वेबसाइट पर जाना होगा. यहां पर “किसान पंजीयन/आवेदन सर्च” पर क्लिक कर, जिला, मोबाइल नंबर या समग्र आईडी क्रमांक डालकर सर्च करना होगा. इसके बाद पंजीकरण ई-उपार्जन पोर्टल पर कर सकते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपनी प्राथमिक कृषि सहकारी समिति से संपर्क कर सकते हैं.
मध्य प्रदेश सरकार इस योजना के जरिए किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाने के साथ ही मंडी में गिरती दरों से उन्हें सुरक्षा देना चाहती है. इससे किसान को न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि फसल का उचित मूल्य भी सुनिश्चित किया जा सकेगा.