ATM से निकाल पाएंगे PF का पैसा, नए साल में शुरू होगी सुविधा

ईपीएफओ के ग्राहक जनवरी 2025 से सीधे एटीएम से पीएफ का पैसा निकाल पाएंगे. इस पहल का उद्देश्य पीएफ क्लेम सेटलमेंट को आसान बनाना है. श्रम मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है.

एटीएम से निकल पाएगी पीएफ की रकम Image Credit: Avishek Das/SOPA Images/LightRocket via Getty Images

अब PF का पैसा निकालने का झंझट खत्म हो जाएगा, अगले साल से पीएफ खाताधारक बैंक खाते की तरह ATM से पीएफ का पैसा निकाल सकेंगे. इस बात की जानकारी खुद श्रम सचिव सुमिता डाबरा ने बुधवार को दी है. इस कदम से पीएफ खाताधारकों के लिए पीएफ का पैसा निकालना चुटकियों का काम होगा. पीएफ खाताधारक अपनी मर्जी से जब चाहे पैसा निकाल पाएंगे. हालांकि, पीएफ का पैसा एटीएम से निकालने के लिए क्या शर्तें होंगी, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. लेकिन एक बात तय है कि सरकार इसके जरिए पीएफ का पैसा निकालने में लगने वाले समय को खत्म कर रियल टाइम करना चाहती है. असल में सरकार का ईपीएफओ की सेवाओं को कहीं ज्यादा तकनीकी आधारित बनाना चाहती है.

श्रम मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय अपने आईटी सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है. खासतौर पर पीएफ क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को रियल टाइम बनान की कोशिश की जा रही है. पीएफ की रकम की जरूरत लोगों बेहद गंभीर परिस्थितियों में होती है. ऐसे में पीएफ से पैसा निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि पीएफ निकासी की प्रक्रिया में न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप रहे, यही लक्ष्य है.

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, ” पीएफ निकासी का नया सिस्टम बनाया जा रहा है. जल्द ही इस व्यवस्था में कई अहम सुधार देखने को मिलेंगी. जनवरी 2025 से इसमें व्यापक बदलाव दिखने लगेंगे.” उन्होंने कहा कि यह बदलाव सरकार की तरफ से ईपीएफओ 3.0 के तहत सुविधाओं में किए जाने वाले विस्तार का हिस्सा है.

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में फिलहाल 7 करोड़ सक्रिय कंट्रिब्यूटर हैं. डावरा ने आगे कहा कि गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिहाज से इस योजना में बड़े बदलाव किए गए हैं, जो अब जल्द ही लागू किए जाएंगे. उन्होंने कहा, इस संबंध में काफी काम हो चुका है. हमने एक योजना की रूपरेखा तैयार की है, जो अब अंतिम चरण में है. इसके लाभों में चिकित्सा स्वास्थ्य कवरेज, पीएफ और दिव्यांगता के मामलों में वित्तीय मदद शामिल है.

डावरा ने बताया कि गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा और कल्याण लाभ देने के लिए एक रूपरेखा प्रस्तावित करने के लिए हितधारकों के साथ एक समिति बनाई है. गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को पहली बार सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 में परिभाषित किया गया था, जिसे संसद में अधिनियमित किया गया है. इसमें सामाजिक सुरक्षा और कल्याण से संबंधित प्रावधान शामिल हैं.

24 लाख करोड़ से ज्यादा का फंड

EPFO के तमाम योजनाओं के 24 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड को मैनेज करता है. मौजूदा वित्त वर्ष में इपीएफओ के पास 24.75 लाख करोड़ रुपये का फंड है. पांच साल में यह दोगुना हो गया है. 2019-20 में ईपीएफओ 11.11 लाख करोड़ रुपये का फंड मैनेज करता था. वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2023-24 में पीएफ के लिए 8.25% ब्याज दर को मंजूरी दी है. पीएफ की सबसे बड़ी खासियत इसका कंपाउंडिग इंटरेस्ट होता है.

बेरोजगारी घटी

सुमिता डावरा ने देश में बेरोजगारी की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि बेरोजगारी में कमी आई है. उन्होंने कहा कि 2017 में बेरोजगारी दर 6 फीसदी थी, जो अब घटकर 3.2 फीसदी रह गई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा कार्यबल बढ़ रहा है. श्रम बल भागीदारी दर बढ़ रही है और श्रमिक भागीदारी अनुपात 58 फीसदी पहुंच गया है और लगातार बढ़ रहा है. यह दर्शाता है कि देश में रोजगार क्षेत्र में लगातार सुधार हो रहा है