Income Tax: इनकम टैक्स पर क्या होने वाला है ! जानें पूर्व वित्त सचिव ने क्या कहा..

पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार को वर्तमान आर्थिक स्थिति, मंदी, महंगाई और बेरोजगारी को प्राथमिकता देने की सलाह दी है. उन्होंने फिस्कल डेफिसिट को नियंत्रित करने, निजी निवेश को बढ़ावा देने और मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए राहत देने का सुझाव दिया है.

सरकार के राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक जीडीपी के 4.5% तक सीमित रखने का लक्ष्य है, Image Credit: money9

Budget 2025: एक फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर सरकार से सभी तबकों की कुछ उम्मीदे हैं. बजट का स्वरूप क्या होना चाहिए, इसका फोकस क्या होना चाहिए और देश में सबसे ज्यादा किन सेक्टर को सहूलियतों की जरुरत है. सरकार की प्राथमिकताएं क्या होनी चाहिए, और बजट को लेकर के सरकार के सामने कौन सी चुनौतियां हैं. इस सभी टॉपिक पर मनी9 ने पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग से चर्चा की. आइए जानते हैं कि वह आगामी बजट से क्या उम्मीदें रखते हैं.

ये हैं सबसे बड़े चैलेंज

गर्ग के अनुसार देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति चिंता का विषय है, जिसमें मंदी के कारण आर्थिक वृद्धि (दूसरी तिमाही में 5.4% और पूरे वर्ष के लिए अनुमानित 6.4%) प्रमुख चिंता का विषय है. इसके अलावा, महंगाई और उच्च बेरोजगारी दर भी गंभीर मुद्दे हैं. उन्होंने सरकार से इन समस्याओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया.

फिस्कल डेफिसिट पर नियंत्रण

सरकार के राजकोषीय घाटे को 2025-26 तक जीडीपी के 4.5% तक सीमित रखने का लक्ष्य है, लेकिन गर्ग के अनुसार, आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना अब भी सबसे बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में वृद्धि के बावजूद अपेक्षित आर्थिक विकास नहीं हुआ है. उनका सुझाव था कि सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए और निजी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने चाहिए.

मध्यम वर्ग को टैक्स राहत

मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करना होगा. हालांकि सरकार ने पहले ही कई रियायतें दी हैं, गर्ग ने उच्च कर दरों में कमी, न्यूनतम छूट सीमा में वृद्धि और GST में सुधार की आवश्यकता जताई. उनका मानना था कि इससे खपत बढ़ेगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केवल कर राहत से देश की समग्र खपत में बड़ी वृद्धि नहीं हो सकती, इसके लिए सरकारी व्यय में सुधार की जरूरत है.

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नई और पुरानी टैक्स रिजीम का विलय

गर्ग ने सुझाव दिया कि सरकार को नई और पुरानी टैक्स रिजीम का विलय करना चाहिए, जिससे टैक्सपेयर्स को ज्यादा विकल्प और स्पष्टता मिले. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा कर रियायतों को बनाए रखते हुए एक नई सिस्टम का निर्माण किया जा सकता है.

नौकरी के अवसर बढ़ाए सरकार

देश में बेरोजगारी की समस्या समाप्त करने के लिए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और नौकरी के अवसर पैदा करने के लिए सरकार को योजनाबद्ध नीतियाान लागू करने की आवश्यकता है. उन्होंने विशेष रूप से PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) जैसी योजनाओं के सही से लागू करने में सुधार की जरूरत बताई.