Budget 2025: इनकम टैक्स छूट पर सरकार करेगी सरप्राइज ! ओल्ड टैक्स रिजीम पर लेगी ये बड़ा फैसला

बजट 2025-26 में सरकार पुराने टैक्स रिजीम को धीरे-धीरे समाप्त कर सकती है और नई टैक्स रिजीम को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उसमें बदलाव कर सकती है. सरकार आयकर स्लैब में बदलाव और छूट सीमा बढ़ाने का विचार कर रही है. पुरानी टैक्स रिजीम में विभिन्न छूटें मिलती हैं, लेकिन नई रिजीम में कोई छूट नहीं होती.

बजट 2025-26 में सरकार पुराने टैक्स रिजीम को धीरे-धीरे समाप्त कर सकती है Image Credit: Freepik/Canva

Budget 2025:बजट 2025-26 में सरकार पुराने टैक्स रिजीम को धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना बना सकती है. इसके साथ ही नई टैक्स रिजीम में कुछ अहम बदलाव किए जा सकते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, 72% टैक्सपेयर्स ने नई टैक्स रिजीम को अपना लिया है, और सरकार का फोकस इसी पर है. इसलिए सरकार बजट के दौरान पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं करेगी. नई टैक्स रिजीम सरलता के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है, जबकि पुरानी टैक्स रिजीम अभी भी उन लोगों द्वारा अपनाई जा रही है जो अपनी सेविंग पर अधिक ध्यान देते हैं.

नई टैक्स रिजीम पर फोकस

नई टैक्स रिजीम को 72% टैक्सपेयर्स पहले ही अपना चुके हैं. इसमें टैक्स रेट कम हैं, लेकिन इसमें किसी तरह की छूट या कटौती का प्रावधान नहीं है. इसके मुकाबले, पुरानी टैक्स रिजीम में निवेश से जुड़ी छूट और कटौती का प्रावधान है. Financial Express की रिपोर्ट के अनुसार, बजट में सरकार नई टैक्स रिजीम को और सरल बनाने और टैक्स स्लैब में बदलाव के जरिए अधिक से अधिक टैक्सपेयर्स को इसे अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है.

हो सकते हैं ये बदलाव

jरिपोर्ट के अनुसार नई टैक्स रिजीम के स्लैब में सरकार बदलाव कर सकती है. इसमें 4 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं होगा, और बाकी स्लैब में भी एडजस्टमेंट होगा. FY26 के बजट में सरकार आम करदाताओं के लिए कुछ कर राहत देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी वार्षिक आय 15 लाख रुपये तक है. इसमें छूट सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने और नई व्यवस्था के कर स्लैब में बदलाव की संभावना है.

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क्या अंतर है दोनों में

नई टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को किसी विशेष निवेश या कटौती की जरूरत नहीं होती है, और इसे अपनाने में भी आसानी होती है. वहीं, पुरानी टैक्स रिजीम में कई तरह की छूट मिलती हैं, जैसे हाउस रेंट, होम लोन और हेल्थ बीमा, जिसके कारण कई टैक्सपेयर्स इसे अभी तक अपनाए हुए हैं.