Budget 2025: EPS के तहत न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये करने की मांग, वित्तमंत्री ने कही ये बात

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशन योजना से जुड़े पेंशनधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. जिसपर वित्त मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करेंगी. जिसे लेकर देश के युवा से लेकर बुजुर्ग और किसान से लेकर बिजनसमैन को कई उम्मीदे है. इसी कड़ी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पेंशन योजना से जुड़े पेंशनधारकों का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की. इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह करने और अन्य मांगों को पूरा करने का है. इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई ईपीएस 95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत ने की.

बैठक के बाद राउत ने बताया कि वित्त मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा. राउत ने कहा, “यह आश्वासन हमें उम्मीद देता है, कि सरकार को आगामी बजट में 7,500 रुपये न्यूनतम पेंशन और महंगाई भत्ते की घोषणा करनी चाहिए. इससे कम कुछ भी वरिष्ठ नागरिकों को एक सम्मानजनक जीवन जीने में मदद नहीं करेगा.”

कर्मचारियों की क्या है मांग ?

वित्त मंत्री सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में 2025-26 के लिए आम बजट पेश करेंगी. पेंशनधारक महंगाई भत्ते के साथ मूल पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह करने और पेंशनधारकों तथा उनके जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं. राउत ने बताया कि केंद्रीय और राज्य सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और कारखानों से जुड़े 78 लाख से अधिक पेंशनधारक लंबे समय से महंगाई भत्ता और न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. ये पेंशनधारक 7 और 8 साल से पेंशन में वृद्धि के लिए आंदोलन कर रहे हैं. राउत ने यह भी कहा कि 2014 में सरकार ने 1,000 रुपये न्यूनतम पेंशन की घोषणा की थी, लेकिन अभी भी 36.60 लाख पेंशनधारक इससे कम राशि प्राप्त कर रहे हैं.

क्या है ईपीएस 95?

कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत कर्मचारियों का 12 प्रतिशत वेतन भविष्य निधि में जाता है, जबकि नियोक्ता का 12 प्रतिशत हिस्सा पेंशन योजना में जाता है। इसके अलावा सरकार भी पेंशन कोष में 1.16 प्रतिशत का योगदान करती है.