Budget 2025: Mutual Fund और शेयर बाजार निवेशकों को सरकार का तोहफा, डिविडेंड पर अब 10 हजार तक नहीं कटेगा TDS

बजट 2025 में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत मिली, सरकार ने डिविडेंड इनकम पर TDS सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई. यह सीमा प्रत्येक शेयर या म्यूचुअल फंड पर अलग-अलग लागू होगी. यदि डिविडेंड ₹10,000 से अधिक है, तो 10% TDS कटेगा.

बजट 2025 में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को राहत मिली Image Credit: FreePik

Dividend Income: सरकार ने बजट 2025-26 के दौरान डिविडेंड इनकम पर TDS की सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी है. सरकार के इस फैसले का फायदा शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड निवेशकों को मिलेगा, क्योंकि उनकी टैक्स देनदारी (Tax Liability) कम होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने मिडिल क्लास के लिए कई राहत भरे फैसलों का ऐलान किया, जिसमें 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री करना और सीनियर सिटीजन के TDS पर टैक्‍स छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करना शामिल है.

नए नियम कैसे काम करेंगे?

अगर किसी निवेशक की एक शेयर या म्यूचुअल फंड से डिविडेंड इनकम 10,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा. लेकिन अगर 10,000 रुपये से ज्यादा डिविडेंड मिलता है, तो 10 फीसदी TDS कटेगा. हालांकि, 10,000 रुपये की यह सीमा हर एक शेयर या म्यूचुअल फंड पर अलग-अलग लागू होगी. यानी, सभी शेयरों या म्यूचुअल फंडों से मिलने वाले कुल डिविडेंड पर यह सीमा लागू नहीं होगी. अगर किसी एक शेयर या म्यूचुअल फंड से मिलने वाला डिविडेंड ₹10,000 से ज्यादा होगा, तभी उस पर 10 फीसदी TDS कटेगा.

डिविडेंड इनकम पर TDS लिमिट को उदाहरण से समझते हैं.

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टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई

सरकार ने नई कर व्यवस्था में टैक्स छूट की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दी है. इससे मध्य वर्ग के वेतनभोगी टैक्सपेयर्स की बचत बढ़ेगी और उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी. यह खासकर रियल एस्टेट और अन्य उपभोक्ता क्षेत्रों में मांग को बढ़ाने में मदद करेगा.