बजट के बाद अब ऐसे फाइल होगा ITR, जान लें 4 साल वाला नियम
बजट 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के नियमों में बदलाव किया गया है. अब टैक्सपेयर्स 4 साल तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं. यहां ये भी बताएंगे कि अपडेटेड रिटर्न क्या होता है और बाकी रिटर्न्स से कैसे अलग है...
ITR Filing Budget 2025: अगर आपने अब तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल नहीं किया है या उसमें कोई गलती हो गई है, तो बजट 2025 में आपके लिए एक राहत की खबर है. अब ऐसे टैक्सपेयर्स चार साल तक अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं और किसी भी गलती को सुधार सकते हैं. पहले अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन 24 महीने थी, जिसे अब 48 महीने कर दिया गया है. इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को अपने ओरिजनल या बिलेटेड रिटर्न की गलतियों को सुधारने का ज्यादा समय मिलेगा. लेकिन अपडेटेड रिटर्न दूसरे तरीके के रिटर्न्स से अलग होता है. चलिए इसे डिटेल में समझते हैं.
रिवाइज्ड रिटर्न
अगर आपने अपना ओरिजनल यानी जो सबसे पहले रिटर्न फाइल होता है और उसमें अगर कोई गलती या छूटी हुई जानकारी का पता चले, तो आप उसे रिवाइज कर सकते हैं यानी उसमें बदलाव कर सकते हैं.
डेडलाइन: यह रिटर्न असेसमेंट ईयर खत्म होने से तीन महीने पहले तक फाइल किया जा सकता है. असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए संशोधित रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक भरा जा सकता है क्योंकि यह 31 मार्च 2026 को समाप्त होगा.
मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 31 जुलाई 2025 को अपना रिटर्न भरा और बाद में पता चला कि वह डिडक्शन जोड़ना भूल गया है, तो वह 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित रिटर्न फाइल कर सकता है. इस पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन अगर संशोधन के कारण टैक्स लायबिलिटी बढ़ती है, तो ब्याज देना पड़ता है.
बता दें कि रिवाइज्ड रिटर्न को आप कई बार फाइल कर सकते हैं.
बिलेटेड रिटर्न
अगर कोई व्यक्ति तय समय (31 जुलाई) तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाता, तो वह बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है.
डेडलाइन: बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है या फिर असेसमेंट पूरा होने तक या जो भी पहले हो. जैसे, वित्त वर्ष 2024-25 का रिटर्न अगर 31 जुलाई 2025 तक नहीं भरा गया, तो इसे 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न के रूप में फाइल किया जा सकता है.
फीस और पेनल्टी: अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं, तो 1% हर महीने ब्याज देना होगा. साथ ही, 234F धारा के तहत 5,000 रुपये तक की लेट फीस देनी होगी. अगर टैक्सपेयर्स की इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो यह लेट फीस 1,000 रुपये होगी.
खास बात यह है:
- अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है तो रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती
- बिलेटेड रिटर्न को भी संशोधित किया जा सकता है.
- बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर कैपिटल लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता.
अपडेटेड रिटर्न
अपडेटेड रिटर्न 2022 में शुरू किया गया था ताकि टैक्सपेयर्स अपनी गलतियों को सुधार कर स्वेच्छा से सही जानकारी दे सकें.
बजट 2025 में बदलाव हुआ
अब अपडेटेड रिटर्न 4 साल तक फाइल किया जा सकता है, पहले यह डेडलाइन 2 साल थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब तक 90 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स इस सुविधा का फायदा उठा चुके हैं.
- ओरिजनल, संशोधित और बिलेटेड रिटर्न की डेडलाइन खत्म होने के बाद ही अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है.
- अपडेटेड रिटर्न को दोबारा संशोधित नहीं किया जा सकता.
- इसमें केवल अतिरिक्त इनकम ही घोषित की जा सकती है, लेकिन टैक्स देनदारी कम करने के लिए इसे फाइल नहीं किया जा सकता.
- नया रिफंड क्लेम नहीं किया जा सकता.
नया नियम: अगर कोई व्यक्ति 31 दिसंबर की डेडलाइन से चूक जाता है, तो वह 139(8A) के तहत ITR-U फाइल कर सकता है.
टैक्स और पेनल्टी: पहले 12 महीनों में फाइल करने पर 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा, 24 महीनों के अंदर फाइल करने पर 50% अतिरिक्त टैक्स देना होगा. 36 महीनों में 60% और 48 महीनों में 70% तक का अतिरिक्त टैक्स लगेगा.
48 महीने की अवधि में अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की शर्तें
- अगर किसी टैक्सपेयर को इनकम टैक्स विभाग ने री-असेसमेंट के लिए नोटिस भेजा है, तो वह 36 महीनों के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं कर सकता.
हालांकि, अगर री-असेसमेंट की जरूरत नहीं पाई गई, तो वह 36 महीने के बाद भी 48 महीने की डेडलाइन के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है.